Hindi, asked by Saniyaparween5966, 2 months ago

अपनी किस विशेषता के कारण स्टीव सफल वैज्ञानिक बने ?​

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Answered by mdwasimakram5098
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Answer:

विश्व प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक और बेस्टसेलर रही किताब 'अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम' के लेखक स्टीफन हॉकिंग ने शारीरिक अक्षमताओं को पीछे छोड़ते हु्ए यह साबित किया कि अगर इच्छा शक्ति हो तो व्यक्ति कुछ भी कर सकता है।

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हमेशा व्हील चेयर पर रहने वाले हॉकिंग किसी भी आम इंसान से इतर दिखते हैं। कम्प्यूटर और विभिन्न उपकरणों के ज़रिए अपने शब्दों को व्यक्त कर उन्होंने भौतिकी के बहुत से सफल प्रयोग भी किए हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ़ केम्ब्रिज में गणित और सैद्धांतिक भौतिकी के प्रेफ़ेसर रहे स्टीफ़न हॉकिंग की गिनती आईंस्टीन के बाद सबसे बढ़े भौतकशास्त्रियों में होती है।

उनका जन्म इंग्लैंड में आठ जनवरी 1942 को हुआ था। उनके जीवन के इन्हीं रहस्यों से पर्दा उठाती, इस मशहूर ब्रिटिश वैज्ञानिक के जीवन पर आधारित एक फ़िल्म जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली है।

दुनिया के महान दैज्ञानिक हॉकिंग से बात की बीबीसी संवाददाता टिम मफ़ेट ने।

अपने जीवन पर बन रही इस फ़िल्म के बारे में पूछने पर हॉकिंग कहते हैं ''यह फ़िल्म विज्ञान पर केंद्रित है, और शारीरिक अक्षमता से जूझ रहे लोगों को एक उम्मीद जगाती है। 21 वर्ष की उम्र में डॉक्टरों ने मुझे बता दिया था कि मुझे मोटर न्यूरोन नामक लाइलाज बीमारी है और मेरे पास जीने के लिए सिर्फ दो या तीन साल हैं। इसमें शरीर की नसों पर लगातार हमला होता है। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में इस बीमारी से लड़ने के बारे में मैने बहुत कुछ सीखा''।

हॉकिंग का मानना है कि हमें वह सब करना चाहिए जो हम कर सकते हैं, लेकिन हमें उन चीजों के लिए पछताना नहीं चाहिए जो हमारे वश में नहीं है।

'परिवार और दोस्तों के बिना कुछ नहीं'

यह पूछने पर कि क्या अपनी शारीरिक अक्षमताओं की वजह से वह दुनिया के सबसे बेहतरीन वैज्ञानिक बन पाए, हॉकिंग कहते हैं, ''मैं यह स्वीकार करता हूँ मैं अपनी बीमारी के कारण ही सबसे उम्दा वैज्ञानिक बन पाया, मेरी अक्षमताओं की वजह से ही मुझे ब्रह्माण्ड पर किए गए मेरे शोध के बारे में सोचने का समय मिला। भौतिकी पर किए गए मेरे अध्ययन ने यह साबित कर दिखाया कि दुनिया में कोई भी विकलांग नहीं है।''

हॉकिंग को अपनी कौन सी उपलब्धि पर सबसे ज्यादा गर्व है? हॉकिंग जवाब देते हैं ''मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि मैंने ब्रह्माण्ड को समझने में अपनी भूमिका निभाई। इसके रहस्य लोगों के लिए खोले और इस पर किए गए शोध में अपना योगदान दे पाया। मुझे गर्व होता है जब लोगों की भीड़ मेरे काम को जानना चाहती है।''

हॉकिंग के मुताबिक यह सब उनके परिवार और दोस्तों की मदद के बिना संभव नहीं था।

इच्छामृत्यु की वकालत?

यह पूछने पर कि क्या वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं हॉकिंग कहते हैं, ''लगभग सभी मांसपेशियों से मेरा नियंत्रण खो चुका है और अब मैं अपने गाल की मांसपेशी के जरिए, अपने चश्मे पर लगे सेंसर को कम्प्यूटर से जोड़कर ही बातचीत करता हूँ।''

मरने के अधिकार जैसे विवादास्पद मुद्दे पर हॉकिंग बीबीसी से कहते हैं, ''मुझे लगता है कि कोई भी व्यक्ति जो किसी लाइलाज बीमारी से पीड़ित है और बहुत ज्यादा दर्द में है उसे अपने जीवन को खत्म करने का अधिकार होना चाहिए और उसकी मदद करने वाले व्यक्ति को किसी भी तरह की मुकदमेबाजी से मुक्त होना चाहिए।''

स्टीफन हॉकिंग आज भी नियमित रूप से पढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय जाते हैं, और उनका दिमाग आज भी ठीक ढंग से काम करता है।

ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी को समझने में उन्होंने अहम योगदान दिया है। उनके पास 12 मानद डिग्रियाँ हैं और अमेरिका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान उन्हें दिया गया है।

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