अपने क्षेत्र के खान-पान पर परियोजना कार्य तैयार कीजिए
pls solved it
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विभिन्न सं
स्कृतियों और उनकेभोजन तैयार करने के तरीकों का ज्ञान होना महत्वपर्ण
ू है। अत: इस व्यापार में
सं
लग्न लोगों को पाक कला सं
बं
धी व्यापक अनभवु होना आवश्यक है। सं
चार माध्यमों विशेषकर टेलीविज़न
नेविभिन्न सं
स्कृतियों केविभिन्न भोजन प्रतिरूपों और उनकी पाकक्रिया में रुचि बढ़ाई है। क्या आपने दखे ा
है कि अधिकां
श टी.वी. चैनल पाक कला और व्यंजनों पर कार्यक्रम दिखाते हैं? केवल भारत में ही उत्तर में
कश्मीर से लेकर दक्षिण में तमिलनाडु और केरल तक, उत्तर-पर्वी
ू राज्यों, पर्व
ू में उड़ीसा और पश्चिम बं
गाल
से लेकर पश्चिम में गजर
ु ात और महाराष्ट्र में क्षेत्रीय व्यंजनों की बहु
त अधिक किस्में हैं। इसने ‘पाक प्रणाली
विज्ञान’ को एक रुचिपर्ण
ू क्षेत्र बना दिया है और नए व्यावसायिक अवसर उपलब्ध कराए हैं। इसी प्रकार
दनिया
ु भर में अनेकों पाक प्रणालियाँ हैं जैसे– ब्रिटिश, वेल्श, आइरिश, स्काटिश, फ्रांसि सी, इतालवी,
स्पेनिश, जर्मन, आस्ट्रियन, रूसी, पर्ूवी, योरोपियाई, स्विस, स्कैं डीनेविअन, मडिट े ेरेनियन और मध्यपर्वी
ू ,
अमरेिकी, मैक्सिकन, कै रीबियाई, अफ्रीकी। एशिया और दक्षिणी एशिया में भारत के अतिरिक्त पाकिस्तानी,
बं
गलादेशी, थाई, चाइनीज़, कोरियाई, जापानी और इडं ोनेशियाई पाक प्रणालियाँ हैं। इन सभी पाक कलाओं
में प्रयक्ुत किए जानेवाले सं
घटक और बनाने की विधियाँ काफ़ी भिन्न हैं।
जीवन के सभी क्षेत्रों, हर उम्र के लोगों केलिए और 24 घं
टे की अवधि मेंिकसी भी समय और हर
समय भोजन की आवश्यकताओ को प ं र
ूा करना पड़ता है। एक बात सब में समान है– खाना बनाना और ढं
ग
से परोसना। इसके अतिरिक्त, कार्यस्थलों, विभिन्न लक्षित समहों, ज ू ैसे– अस्पतालों, वृद्वृ धावस्था आश्रयों
और अनाथालयों, छात्रावासों की दखे भाल करने हते सु ं
स्थाओ को ं भोजन उपलब्ध कराना, विकसित किया
गया है। अन्य सं
स्थान जहां
ँ लगातार भोजन उपलब्ध कराया जाता है, विद्यालय/महाविद्यालय/कार्यालय
कारागार, विशिष्ट समहों क ू े स्वास्थ्य और पोषण को सधा
ु रने हते सरक ु ारी या स्वैच्छिक सेक्टर द्वारा लिए
गए पोषण कार्यक्रम हैं।
भोजन सेवा उपलब्ध करानेवाली सेवाएँ खान-पान व्यवस्था
(केटरिं
ग) ‘सेवाएँ’ कहलाती हैं।
खान-पान व्यवस्था को उस सेवा के रूप में माना जा सकता है जो घर के बनेभोजन से अलग एक
अन्य सखद पर
ु िवर्तन उपलब्ध कराती है। गृहिणी सहित पर
ूा परिवार उस भोजन का आनं
द लेना चाहगेा जो
भिन्न और सखद
ु वातावरण में तैयार किया और परोसा गया हो। अब अधिकां
श परिवार सप्ताह के अत में ं
अथवा कभी-कभी शाम को आनं
द केलिए, खाना खाने केलिए बाहर जाने लगे हैं। इसके अतिरिक्त बहु
त से
परिवार अब छुट्टियों में घर से बाहर काफ़ी यात्राएँ करने लगे हैं। उन्हें यात्रा में और छुट्टियों की परी
ू अवधि में
रेस्टोरेंटों /होटलों में खाना पड़ता है। परिणामस्वरूप राष्ट्रीय और अतरं ्राष्ट्रीय पर्यटन तथा खान-पान व्यवस्था
उद्योग विकासमान उद्योग बन गए हैं।
कुछ व्यक्ति या समह
ू भोजन तैयार करते हैं और उसे लोगों के घरों अथवा कार्यस्थलों पर भेजते हैं। इसे
गह-आृ धारित भोजन सेवा कहते हैं। इस प्रकार की उद्यमी भोजन-प्रबं
ध गतिविधियाँ बहु
त-सी हैं, उदाहरण के
लिए तैयार भोजन घर ले जाना / घर के बनेभोजन को ग्राहकों के घर पहु
चा ँ ना। इनमें से बहु
त उद्यम महिलाओं
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