Hindi, asked by kamleshvishkarmakaml, 3 months ago

अपनी कक्षा की मामा-भारती से कोर्ट की एक वीर रस
की कविता पोतकर सदमे प्रसंग, अर्थ सहित लिखित
अर्थ के आधार पर वाग्यो के प्रकार और उनकी
परिभाषाएँ निरखकर उन्हें सूधीनद कीविर​

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Answered by nksinfo786
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Answer:

चढ़ चेतक पर तलवार उठा,

रखता था भूतल पानी को।

राणा प्रताप सिर काट काट,

करता था सफल जवानी को॥

कलकल बहती थी रणगंगा,

अरिदल को डूब नहाने को।

तलवार वीर की नाव बनी,

चटपट उस पार लगाने को॥

वैरी दल को ललकार गिरी,

वह नागिन सी फुफकार गिरी।

था शोर मौत से बचो बचो,

तलवार गिरी तलवार गिरी॥

पैदल, हयदल, गजदल में,

छप छप करती वह निकल गई।

क्षण कहाँ गई कुछ पता न फिर,

देखो चम-चम वह निकल गई॥

क्षण इधर गई क्षण उधर गई,

क्षण चढ़ी बाढ़ सी उतर गई।

था प्रलय चमकती जिधर गई,

क्षण शोर हो गया किधर गई॥

लहराती थी सिर काट काट,

बलखाती थी भू पाट पाट।

बिखराती अवयव बाट बाट,

तनती थी लोहू चाट चाट॥

क्षण भीषण हलचल मचा मचा,

राणा कर की तलवार बढ़ी।

था शोर रक्त पीने को यह,

रण-चंडी जीभ पसार बढ़ी॥

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