अपनी कल्पिा के आधार पर देश प्रेम के ऊपर
कोई दो सलोगि या नारे लखो
in hindi
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जय हिंद
Explanation:
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशाँ होगा।
कभी वह दिन भी आयेगा जब अपना राज देखेंगे
जब अपनी ही जमीं होगी जब अपना आसमां होगा ।।''
पंडित जगदम्बा प्रसाद मिश्र की इस कविता के ये शब्द हमें उन दिनों में आज़ादी की महत्ता एवं उसे प्राप्त करने के लिए चुकाई जाने वाली कीमत का एहसास कराने के लिए काफी हैं।
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