अपनी मंजिल सच की मंजिल अपना रास्ता नेक इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए
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अतः हमें मिलकर काम करना होगा। अपनी मंज़िल सच की मंज़िल अपना रस्ता नेक, साथी हाथ बढ़ाना। व्याख्या - कवि प्रेरणा देता हुआ कहता है कि परिश्रम ही हमारी नियति है।
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अपनी मंजिल सच की मंजिल है और अपना रास्ता नेक है इसका मतलब यह है कि हम जिस मंजिल पर चल रहे हैं वह मंजिल सच की है और हमारा रास्ता नेक है
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