Hindi, asked by harshvardhanchavan00, 5 hours ago

अपने मित्र / अपनी सहेली को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपायों के बारे में बताते हुए एक पत्र लगभग 70-80 शब्दों में लिखिए ।​

Answers

Answered by devisimaaa1976
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Answer:

कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप से दुनिया भर में पूरी मानव जाति पीड़ित है। ऐसे में शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बेहतर करनाशरीर को निरोगी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम सभी जानते हैं कि रोकथाम ही बेहतर इलाज है। हालांकि अभी तक कोविड-19 की कोई दवा नहीं बनी हैलेकिन इस समय निवारक उपाय करना अच्छा रहेगा क्‍योंकि इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।

जीवन का विज्ञान होने के नातेआयुर्वेदस्वस्थ एवं प्रसन्‍न रहने के लिए प्रकृति के उपहारों के इस्‍तेमाल पर जोर देता है। स्‍वस्‍थ जीवन के लिए निवारक उपाय संबंधी आयुर्वेद का व्यापक ज्ञान 'दिनचर्या' और 'ऋतुचर्या' की अवधारणाओं पर आधारित है। यह पादप आधारित विज्ञान है। अपने बारे में जागरूकता, सादगी और सामंजस्य से व्‍यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखते हुए उसे और बेहतर कर सकता है। आयुर्वेद शास्‍त्रों में इस पर काफी जोर दिया गया है।

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Answered by dirguleabhay
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Explanation:

कोविड-19 संकट के दौरान स्वयं की देखभाल और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए आयुर्वेद के उपाय

कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप से दुनिया भर में पूरी मानव जाति पीड़ित है। ऐसे में शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बेहतर करनाशरीर को निरोगी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम सभी जानते हैं कि रोकथाम ही बेहतर इलाज है। हालांकि अभी तक कोविड-19 की कोई दवा नहीं बनी हैलेकिन इस समय निवारक उपाय करना अच्छा रहेगा क्‍योंकि इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।

जीवन का विज्ञान होने के नातेआयुर्वेदस्वस्थ एवं प्रसन्‍न रहने के लिए प्रकृति के उपहारों के इस्‍तेमाल पर जोर देता है। स्‍वस्‍थ जीवन के लिए निवारक उपाय संबंधी आयुर्वेद का व्यापक ज्ञान 'दिनचर्या' और 'ऋतुचर्या' की अवधारणाओं पर आधारित है। यह पादप आधारित विज्ञान है। अपने बारे में जागरूकता, सादगी और सामंजस्य से व्‍यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखते हुए उसे और बेहतर कर सकता है। आयुर्वेद शास्‍त्रों में इस पर काफी जोर दिया गया है।

आयुष मंत्रालय श्वसन संबंधी स्वास्थ्य के विशेष संदर्भ के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और निवारक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल के लिए निम्नलिखित दिशानिर्देशों की सिफारिश करता है। ये आयुर्वेदिक साहित्य एवं वैज्ञानिक पत्र-पत्रिकाओं पर आधारित हैं।

सामान्य उपाय

1. पूरे दिन गर्म पानी पिएं।

2. आयुष मंत्रालय (#योगएटहोम #स्‍टेहोम #स्‍टेसेफ) की सलाह के अनुसार प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और ध्‍यान का अभ्यास करें।

3. खाना पकाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुनजैसे मसालों के उपयोग की सलाह दी जाती है।

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