Hindi, asked by rashmijayswal28984, 5 hours ago

अपने मित्र अपनी सहेली को पतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपायों के बारे में बताते हुए एक पतलगभग 70-80 शब्दों में लिखिए।

Answers

Answered by SANUSINGH1999
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Answer:

Explanation:

आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के आयुर्वेद के परखे गए कई उपायों पर एक एडवाइजरी जारी की गई थी जिसे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काफी कारगर बताया गया था। इस मुश्किल घड़ी में उस एडवाइजरी को फिर से बताया गया है, जिससे अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति (प्रतिरक्षा) बढ़ाने के एक उपाय के रूप में सभी के प्रयासों में मदद की जा सके।

31 मार्च 2020 को जारी की गई एडवाइजरी में निम्नलिखित 5 व्यापक क्षेत्रों को शामिल किया गया है:

एडवाइजरी जारी करने की पृष्ठभूमि

हम सभी जानते हैं कि रोकथाम इलाज से बेहतर है। चूंकि अब तक कोविड-19 के लिए कोई दवा नहीं है, ऐसे समय में निवारक उपाय करना अच्छा रहेगा जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।

जीवन का विज्ञान होने के नाते, आयुर्वेद स्वस्थ और प्रसन्न रहने के लिए प्रकृति के उपहारों को ही बढ़ावा देता है। निवारक उपाय संबंधी आयुर्वेद का व्यापक ज्ञान 'दिनचर्या'- दैनिक जीवन और 'ऋतुचर्या'- स्वस्थ जीवन बनाए रखने के लिए मौसमी व्यवस्था की अवधारणाओं से निकला है। यह मुख्य रूप से पौधे पर आधारित विज्ञान है। अपने बारे में जागरूकता, सादगी और सामंजस्य से व्‍यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखते हुए उसे और बेहतर कर सकता है। आयुर्वेद के शास्‍त्रों में इस पर काफी जोर दिया गया है।

आयुष मंत्रालय श्वसन संबंधी स्वास्थ्य के विशेष संदर्भ के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और निवारक स्‍वास्‍थ्‍य उपायों के लिए निम्नलिखित स्व-देखभाल के दिशानिर्देशों का सुझाव देता है। ये आयुर्वेदिक साहित्य एवं वैज्ञानिक पत्र-पत्रिकाओं पर आधारित हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के सामान्य उपाय

क- पूरे दिन गर्म पानी पीजिए।

ख- आयुष मंत्रालय की सलाह के अनुसार प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और ध्‍यान का अभ्यास करें।

ग- खाना पकाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय

क- रोज सुबह 10 ग्राम (1 चम्‍मच) च्यवनप्राश लें। मधुमेह रोगियों को शुगर फ्री च्यवनप्राश खाना चाहिए।

ख- तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ और मुनक्‍का से बना काढ़ा/ हर्बल टी दिन में एक या दो बार पीजिए। अगर आवश्‍यक हो तो अपने स्‍वाद के अनुसार गुड़ या ताजा नींबू का रस मिलाएं।

ग- गोल्डन मिल्क- 150 मिली गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर- दिन में एक या दो बार लें।

सरल आयुर्वेदिक प्रक्रियाएं

क- नाक का अनुप्रयोग - सुबह और शाम नाक के नथुनों में (प्रतिमार्ष नास्य) तिल का तेल/ नारियल का तेल या घी लगाएं।

ख- ऑयल पुलिंग थेरेपी- एक चम्‍मच तिल या नारियल का तेल मुंह में लीजिए। उसे पिएं नहीं बल्कि 2 से 3 मिनट तक मुंह में घुमाएं और फिर थूक दें। उसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करें। ऐसा दिन में एक या दो बार किया जा सकता है।

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