अपने मित्र को एक पत्र लिखिए जिसमें विदअपने विद्यालय को पत्र लिखे जिसमे विद्यालय में
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परीक्षा भवन
श्री चैतन्य टेक्नॉ स्कूल,
विशाखापट्टनम
दिनांक: . . . . .
प्रिय सखी अनामिका,
सप्रेम नमस्ते !
तुम्हारा पत्र मिला जिसमें तुमने मुझसे मेरे विद्यालय के बारे में जानने की इच्छा प्रकट की है। आज मैं इस पत्र में अपने विद्यालय के बारे में लिख रही हूँ।
मेरा विद्यालय का नाम 'श्री चैतन्य टेक्नॉ स्कूल' है। यह विशाखापट्टनम शहर के बीच में स्थित है। यह न केवल विशाखापट्टनम बल्कि दक्षिण भारत के प्रमुख विद्यालयों में से एक माना जाता है। इस विद्यालय की स्थापना सन १९७३ में हुई थी। हमारा विद्यालय उच्च कोटि के शैक्षणिक एवं अनुशासन के लिए प्रसिद्ध है। इसका भवन अत्यंत भव्य है। पूरे विद्यालय को चार भागों में बांटा गया है - 'किड्स पैराडाइस', 'प्राईमरी', 'सेकंडरी', 'सीनियर सेकंडरी'। इसमें लग-भग २००० विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं।
विद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए पृथक छात्रावास की सुविधा उपलब्ध हैं। छात्रावास में रहने तथा खाने-पीने की उत्तम प्रबंध है। खेल-कूद के लिए मैदान, व्यमागार, सुइमिंग-पूल, एक सुसज्जित पुस्तकालय, कम्प्यूटर-लैब आदि सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ सभी प्रमुख खेलों के कोच हैं।
वाद-विवाद तथा सांस्कृतिक गोष्ठियाँ भी होती रहती हैं। हमारा विद्यालय प्रति वर्ष अपना निजी पत्रिका भी निकालता है। यूँ कहे तो, हमारे विद्यालय का लक्ष सभी छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास है।
इस विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं सभी शिक्षक अत्यंत परिश्रमी हैं। वे सभी अपने-अपने विषय के विद्वान हैं। शिक्षक व कर्मचारी, सभी हमारे साथ बहुत ही स्नेहपूर्ण व्यवहार करते हैं। प्रत्येक वर्ष माध्यमिक तथा उच्च-माध्यमिक परीक्षाओं में हमारे स्कूल के विद्यार्थी बड़ा अच्छा परिणाम लाते हैं।
सच कहा जाए तो एक पत्र में हमारे विद्यालय के बारे में पूरी जानकारी दे पाना कठिन है। फिर भी आशा करती हूँ कि अब तक मैं इस बारे में जो कुछ लिखी उसे पढ़कर तुम्हें मेरे विद्यालय का एक स्पष्ट छवि तो मिल ही गया होगा और प्रसन्नता भी हुई होगी।
शेष कुशल है। पत्रोत्तर की आशा में -
तुम्हारी प्रिय सखी,
सागरिका
सेवा में -
कुमारी अनामिका बनर्जी
फ्लैट न.१२/७ सी, संतोषपुर,
कोलकाता
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