Hindi, asked by chrisjohnjijy, 8 months ago

अपने मित्र की माता जी के आकस्मिक निधन पर संवेदना पत्र लिखिए।

Answers

Answered by snehildhiman7
49

Explanation:

16 सी, विकास पुरी

नई दिल्ली 110027

प्रिय रजनी,

तुम्हारी माताजी के अचानक देहान्त की सूचना पाकर मैं बहुत अधिक शोकाकुल हो गयी हूँ। गत सप्ताह ही तो मैं उनसे मिली थी। वह बिल्कुल स्वस्थ दिख रही थीं। और आज जब मुझे सुनैना ने बताया तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ।

प्रिय सखी, ईश्वर की लीला भी कितनी विचित्र है। वह जो चाहे, करे। उसे कोई रोक नहीं सकता। हम मानव तो उसके हाथों की कठपुतलियाँ हैं जो उसके इशारे पर कुछ दिन नाचकर यहाँ से

विदा लेते हैं। मैं जानती हूँ माताजी की मृत्यु के कारण तुम पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। तुम पर अब सारे घर का दायित्व आ पड़ा है। छोटे भाई-बहनों का ध्यान तम्हें रखना है। ऐसी संकट की घड़ी में तुम्हें अपने पिताजी को भी ढांढ़स बंधानी है। अतएव इस विपत्ति की घड़ी में धैर्य और साहस से काम लो।

ईश्वर से प्रार्थना है कि वह तुम्हें और तुम्हारे परिवार को इस अपी. सहन करने की शक्ति दें एवं दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें।

तुम्हारे दुःख में दुःखी

विभा अनेजा

Answered by Divyansh5140
26

Answer:

16 सी, विकास पुरी

नई दिल्ली 110027

प्रिय रजनी,

तुम्हारी माताजी के अचानक देहान्त की सूचना पाकर मैं बहुत अधिक शोकाकुल हो गयी हूँ। गत सप्ताह ही तो मैं उनसे मिली थी। वह बिल्कुल स्वस्थ दिख रही थीं। और आज जब मुझे सुनैना ने बताया तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ।

प्रिय सखी, ईश्वर की लीला भी कितनी विचित्र है। वह जो चाहे, करे। उसे कोई रोक नहीं सकता। हम मानव तो उसके हाथों की कठपुतलियाँ हैं जो उसके इशारे पर कुछ दिन नाचकर यहाँ से

विदा लेते हैं। मैं जानती हूँ माताजी की मृत्यु के कारण तुम पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। तुम पर अब सारे घर का दायित्व आ पड़ा है। छोटे भाई-बहनों का ध्यान तम्हें रखना है। ऐसी संकट की घड़ी में तुम्हें अपने पिताजी को भी ढांढ़स बंधानी है। अतएव इस विपत्ति की घड़ी में धैर्य और साहस से काम लो।

ईश्वर से प्रार्थना है कि वह तुम्हें और तुम्हारे परिवार को इस अपी. सहन करने की शक्ति दें एवं दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें।

तुम्हारे दुःख में दुःखी

विभा अनेजा

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