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प्रिय मित्र,
पok
सप्रेम वन्दे!
आशा है कि ईश्वर के आसिम कृपा से सब कुशल-मंगल होंगे। मैं भी यहाँ ठीक हूँ। आज हमारे गर्मियों की छुटियाँ खत्म हुई, मैंने अपनी गर्मियों के छुटियों में बहुत सारी मस्ती और मज़ा किया। मैं अपने परिवार के साथ केरल गया था, केरल प्रकृति के गोद मे बसा पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थान हैं। वहा हमलोगों ने ओणम उत्सव भी देखा। ओणम उत्सव में बड़े और लंबे-लंबे नावों की प्रतियोगिता होती हैं जहाँ सब लोग पूरे उत्साह से भाग लेते है। मैंने इन छुटियों में बहुत मज़ा किया। अपने अगले पत्र में अपने छुटियों के बारे में ज़रूर बताना। चाचा-चाची को मेरा प्रणाम और छोटू को बहुत सारा प्यार। जल्दही सपरिवार मिलने का कार्यक्रम बनाना। तुम्हारे अगले पत्र के इंतज़ार में।
तुम्हारी सहेली,
प्रतीक्षा
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१४/०५/१८
प्रिय मित्र.
प्रियंका,
सप्रेम वन्दे!
आशा है कि ईश्वर के आसिम कृपा से सब कुशल-मंगल होंगे। मैं भी यहाँ ठीक हूँ। आज हमारे गर्मियों की छुटियाँ खत्म हुई, मैंने अपनी गर्मियों के छुटियों में बहुत सारी मस्ती और मज़ा किया। मैं अपने परिवार के साथ केरल गया था, केरल प्रकृति के गोद मे बसा पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थान हैं। वहा हमलोगों ने ओणम उत्सव भी देखा। ओणम उत्सव में बड़े और लंबे-लंबे नावों की प्रतियोगिता होती हैं जहाँ सब लोग पूरे उत्साह से भाग लेते है। मैंने इन छुटियों में बहुत मज़ा किया। अपने अगले पत्र में अपने छुटियों के बारे में ज़रूर बताना। चाचा-चाची को मेरा प्रणाम और छोटू को बहुत सारा प्यार। जल्दही सपरिवार मिलने का कार्यक्रम बनाना। तुम्हारे अगले पत्र के इंतज़ार में |
चाचा-चाची को मेरा प्रणाम |
तुम्हारी सहेली,
प्रतीक्षा