Hindi, asked by AdityaAryan88, 3 months ago

अपने मन की व्यथा अपने पास ही क्यों रखनी चाहिए? (दोहे) ​

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Answered by AnanyaluvsBTS
10

Answer:

रहिमन निज मन की, बिथा, मन ही राखो गोय। ... कविवर रहीम कहते हैं कि मन की व्यथा अपने मन में ही रखें उतना ही अच्छा क्योंकि लोग दूसरे का कष्ट सुनकर उसका उपहास उड़ाते हैं। यहां कोई किसी की सहायता करने वाला कोई नहीं है-न ही कोई मार्ग बताने वाला है।

Answered by amanyadav5246
4

Answer:

रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय.

सुनी इठलैहैं लोग सब, बांटी न लेंहैं कोय.

रहीम कहते हैं की अपने मन के दुःख को मन के भीतर छिपा कर ही रखना चाहिए। दूसरे का दुःख सुनकर लोग इठला भले ही लें, उसे बाँट कर कम करने वाला कोई नहीं होता.

धन्यवाद!

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