अपने मनपसंद खेल के नियम पता लगाइए और उसे चार्ट पेपर पर लगाएं और कक्षा में लगाएंअपने मनपसंद खेल के नियम पता लगाइए और उसे चार्ट पेपर पर लिख कर कक्षा में लगा
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******* सर्विस के नियम (Service rules in badminton)
किसी भी सही सर्विस में, यदि दोनों ओर के खिलाड़ी तैयार हों तो कॉक सर्वे करने में देर नहीं होनी चाहिए. एक खिलाडी की तरफ़ से सर्वे करने के बाद दुसरे खिलाड़ी के कोर्ट में कॉक का पहुंचना अनिवार्य है. यदि ऐसा न हुआ तो इसे सर्विंग खिलाडी की ग़लती मानी जायेगी, जिसका लाभ विपरीत कोर्ट के खिलाडी को मिलता है. खेल के शुरू में सर्वर और उसके विपरीत कोर्ट में खड़े रिसीवर दोनों सर्विस लाइन को बिना छुए तिरछे खड़े होते हैं.
सर्विंग साइड एक रैली हारने पर सर्व तुरंत विपरीत कोर्ट के खिलाडी को डे दिया जाता है. सिंगल्स मैचों के दौरान सर्वर का स्कोर सम संख्या होने पर वो दाहिने कोर्ट में खड़ा होता है और स्कोर विषम संख्या होने पर बाँए कोर्ट में खड़ा होता है.
डबल्स के दौरान यदि सर्वर साइड रैली जीत लेता है तो वही खिलाड़ी फिर से सर्व करता है जिसने पहले सर्व किया था, लेकिन इस समय उसका कोर्ट बदल जाता है ताकि हर बार वो एक ही खिलाड़ी को सर्वे न कर पाए. इसी तरह यदि विरोधी दल रैली जीत लेता है और उसका स्कोर सम संख्या में हो तो सर्विंग खिलाडी अपने कोर्ट के दाहिने तरफ़ होगा, वहीँ स्कोर विषम संख्या होने पर सर्विंग खिलाड़ी अपने कोर्ट के बाएँ तरफ़ होगा.
***** स्कोरिंग के नियम (Scoring rules of badminton)
प्रत्येक खेल कुल 21 पॉइंट्स के होते है. एक मैच कुल 3 भागों में होता है. यदि दोनों दलों का स्कोर ही 20-20 हो चूका हो तो खेल तब तक ज़ारी रहता है, जब-तक दोनों में किसी एक को दो अतिरिक्त पॉइंट की बढ़त न मिल जाए. मसलन 24-22 का स्कोर, वरना खेल 29 पॉइंट्स तक ज़ारी रहता है. 29 पॉइंट्स के बाद एक ‘गोल्डन पॉइंट’ के लिए खेल होता है, जो इस पॉइंट को हासिल करता है वो खेल जीत जाता है.
खेल के शुरू में एक टॉस होता है जो ये तय करता है कि कौन सा खिलाड़ी सर्व करेगा या रिसीवर होगा.
एक खिलाडी या जोड़े खिलाडियों को मैच जीतने के लिए तीन में से दो खेलें जीतनी होती हैं.
खिलाड़ियों को अपने कोर्ट, मैच के दूसरे खेल की शुरुआत में बदलने होते हैं.
सर्वर और रिसीवर को बिना सर्विस लाइन छुए सर्विस कोर्ट में रहना होता है.
लेट कॉल होने पर रैली स्थगित कर दी जाती है, और पुनः खेला जाता है बग़ैर किसी स्कोर परिवर्तन के.
लेट कॉल किसी अप्रत्याशित रुकावट या परेशानी की वजह से होता है.
यदि रिसीवर तैयार न हो और सर्वर ने सर्व कर दिया हो, तो भी लेट कॉल हो सकता है.
***** फाल्टस (Fault in badminton)
कोई भी रैली फाल्ट से ही ख़त्म होती है. फाल्ट करने वाला खिलाड़ी रैली हार जाता है. फाल्ट के कई कारण हो सकते हैं, जैसे यदि सर्विस सही तरीक़े से नहीं हुआ तो फाल्ट हो सकता है. मसलन सर्विस करते वक़्त सर्वर का पांव सर्विंग लाइन पर पड़ गया हो या सर्विस के बाद शटल कोर्ट के बाहर जाकर गिरा हो. सर्विस के बाद यदि कॉक नेट में फंस जाता है, तो ये फाल्ट में गिना जाता है. इन सबके अतिरिक्त फाल्ट के कुछ कारण निम्नलिखित है.
रिसीवर के साथी खिलाड़ी द्वारा सर्विस का जवाब देने पर.
सर्विस के बाद या रैली के दौरान शटल नेट के पार न जाने पर.
कॉक यदि किसी ऐसी वस्तु को छू जाता है जो कोर्ट के बाहर हो.
एक ही खिलाड़ी द्वारा लगातार दो बार कॉक हिट करने पर फाल्ट हो सकता है, यद्यपि रैकेट के हेड से स्ट्रिंग एरिया में आने के बाद के स्ट्रोक में फाल्ट नहीं होता है.
यदि एक ही कोर्ट में स्थित दो खिलाड़ी एक के बाद एक शटल स्ट्रोक करते हैं, तो इसकी गणना फाल्ट में होगी.
यदि आती हुई कॉक को रिसीवर कुछ इस तरह स्ट्रोक कर देता है, जिससे कॉक की दिशा विरोधी खिलाड़ी की तरफ नहीं रह जाती.
खेल के दौरान यदि खिलाड़ी नेट को हाथ लगा देता है.
खिलाड़ी खेल के दौरान यदि कोई ऐसी गतिविधि करता है, जिससे उसके विरोधी खिलाड़ी का ध्यान खेल से भटक जाता है, और वो जवाबी स्ट्रोक देने में विफल हो जाता है तो भी फाल्ट की संभावना होती है.
***** खेल का स्थगन (Postpone)
खेल कई कारणों से निलंबित हो सकता है. मसलन यदि कोई ऐसी घटना हो जाए जो खिलाडी के नियंत्रण के बाहर हो, और इस दौरान यदि एम्पायर को ये लगता है कि खेल का निलंबन आवश्यक है तो खेल स्थगित किया जा सकता है. किसी विशेष कारणों से रेफ़री एम्पायर को खेल स्थगित करने की सूचना देता है. खेल स्थगित होने पर उस समय तक के स्कोर तब तक वैसे ही रहते हैं जब तक खेल वहीँ से पुनः शुरू न हो जाए.
Explanation:
Mera Priya Khel (Favorite Sport) Cricket In Hindi दुनिया में सबसे ज्यादा प्रसिध्य और भारत का पसंदीदा गेम है क्रिकेट. क्रिकेट एक ऐसा है, जिसे बच्चे, बड़े, बूढ़े, यहाँ तक की औरतें, लड़कियां भी पसंद करती है. क्रिकेट एक आउटडोर गेम है. यह तो हम सबको पता है, कि मनुष्य को चुस्त तंदरुस्त रहने के लिए शारीरिक व्यायाम की आवश्कता होती है. शारीरिक कसरत के लिए, किसी खेल से बेहतर कुछ नहीं हो सकता है. इन खेलों में मनुष्य को शारीरिक कसरत के साथ साथ दिमाग का भी उपयोग करना होता है. जिससे मानसिक शारीरिक दोनों रूप से स्फूर्ति मिलती है. आजकल की आधुनिक दुनिया में बच्चे बड़े सभी मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर में लगे रहते है, शारीरिक परिश्रम को कोई तवज्जो नहीं देता है. ऐसे में बड़ों का फर्ज है कि वे अपने बच्चों को खेल की उपयोगिता के बारे में बताएं. क्रिकेट का खेल अनुशासन, दृढ संकल्प, एकाग्रता, टीम भावना एवं संयम का खेल है.भारत में समय के साथ कई खेल खेले जाते है, जिसमें से कुछ अन्तराष्ट्रीय एवं कुछ राष्ट्रीय स्तर पर खेले जाते है. क्रिकेट, वॉलीबॉल, फुटबॉल, होकी, बास्केटबाल, बैडमिंटन, टेनिस आदि अन्तराष्ट्रीय स्तर पर खेले जाते है, जबकि कबड्डी, रग्बी और अनेकों खेल भारत में राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर में खेले जाते है. क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जिसने दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है. कई ऐसे देश है, जहाँ ये खेल नहीं खेला जाता है, लेकिन वहां पर भी अन्तराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट मैच को बड़े हर्षोल्लास के साथ देखते है.
क्रिकेट का इतिहास (Cricket History In India) –
क्रिकेट को कई ऐसे लोग है जो न सिर्फ पसंद करते है, बल्कि दीवानगी की हद तक प्यार करते है. क्रिकेट मैच की शुरुवात 16वीं शताब्दी में इंग्लैंड में हुई थी. इसे सबसे पहले प्रिन्स एडवर्ड द्वारा खेला गया था. 18वीं शताब्दी में यह इंग्लैंड का राष्ट्रीय खेल बन गया, फिर 19वीं एवं 20वीं शताब्दी में यह खेल पूरी दुनिया में फैलने लगा. 1844 में पहली बार अन्तराष्ट्रीय तौर पर एक दिवसीय क्रिकेट मैच खेला गया था, जो अमेरिका एवं कैनेडा के बीच हुआ था. जबकि 1877 में पहली बार अन्तराष्ट्रीय तौर पर पांच दिवसीय टेस्ट क्रिकेट मैच खेला गया था, जो इंगलैंड एवं ऑस्ट्रेलिया बीच हुआ था. क्रिकेट फुटबॉल के बाद दूसरा सबसे लोकप्रिय दर्शक खेल है.
भारत में जब ब्रिटिश शासन था, तब वे ही इस खेल को भारत लाये थे. ब्रिटिश शासक बहुत स्मार्ट थे, वे भारत के राजाओं और नबाबों का ध्यान सत्ता और अपने राज्य से हटाने के लिए इस खेल को उनके बीच लाये थे. ब्रिटिशों ने ये खेल राजाओं, शासकों के साथ खेला, उन्हें इसमें इतना मशरूफ कर दिया कि उनका ध्यान सत्ता से हटने लगा. और फिर इसी बात का फायदा ब्रिटिश शासकों को हुआ. इसके बाद से ही यह खेल भारत के साथ साथ, पाकिस्तान, बांग्लादेश और हमारे आस पास के अन्य देशों में भी प्रसिध्य होने लगा था. आजादी के पहले से ही क्रिकेट को भारत में पसंदीदा खेल माना जाने लगा था. यह खेल पहले भारत में आम खेल की तरह ही खेला जाता था, 1864 में मद्रास और कलकत्ता के बीच पहली बार उच्च स्तर का क्रिकेट मैच खेला गया था, जिसे फर्स्ट क्लास क्रिकेट नाम दिया गया.
क्रिकेट खेल के बारे में जानकारी (Cricket information) –
क्रिकेट का खेल दो टीम के बीच होता है, जिसमें प्रत्येक में 11 खिलाड़ी होते है. इस खेल के रूल्स बहुत साधारण एवं आसान है, इसलिए इसे बच्चे भी बहुत पसंद करते है और सबसे ज्यादा खेलना पसंद करते है. क्रिकेट का मैच एक बड़े मैदान में खेला जाता है, जहाँ बीच में पीच होती है, जिस पर खिलाड़ी खेल खेलते है. इसके दोनों ओर 3-3 विकेट गड़ाए जाते है, उसके उपर गिल्ली रखी होती है. सबसे पहले 2 टीम के बीच टॉस होता है, जो टॉस जीतता है, वो टीम निश्चय करती है कि उसे पहले बैटिंग करनी है या बॉलिंग. फिर बैटिंग के लिए 2 खिलाड़ी मैदान में उतरते है, जबकि बॉलिंग एक खिलाड़ी करता है, और उस टीम के बाकि सदस्य फील्डिंग करते है. इसके अलावा मैदान में निर्णय लेने के लिए 2 एम्पायर भी रहते है, इसके अलावा मैदान से बाहर एक तीसरा एम्पायर भी होता है. जब मैदान में 2 एम्पायर निर्णय लेने में असमर्थ होते है, तब वे इशारा करते है तो तीसरा एम्पायर रिकॉर्डिंग में देख उसका निर्णय लेता है.
क्रिकेट के प्रकार (Cricket Types) – समय के साथ क्रिकेट खेल में भी नई नई चीजें आ गई है. अन्तराष्ट्रीय मैच हर साल होते है, जिसे ‘इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल’ (ICC) द्वारा आयोजित किया जाता है. आईसीसी क्रिकेट के नियमों को बनाती है और टीमों का चयन करती है. आईसीसी ये भी सुनियोजित करती है कि सभी टीम क्रिकेट के नियमों का पालन कर रही है या नहीं. क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रतियोगिता ‘वर्ल्ड कप’ होती है, जो हर चार में होती है. वर्ल्ड कप का इंतजार हर खिलाड़ी और देखने वाले दर्शक को होता है. कई लोग हमेशा क्रिकेट मैच नहीं देखते है, लेकिन वर्ल्ड कप में खासी दिलचस्पी रखते है.