अपने मनपसंद पुस्तक के बारे में पिताजी को पत्र लिखें
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Explanation:
दिनांक:- 25 एप्रिल 2021
प्रति,
प्रिय पिताजी,
सुंदर नगर,
जालना - 432062
प्रिय पिताजी,
साष्टांग नमस्कार में आपकी लाडली बेटी मेघा आपको पत्र लिख रही हूँ , अगर कूछ छूटा तो माफ करना |
आप मुझे हर रोज नयी-नयी किताब के बारे में पढ़कर सुनाया करते थे | मुझे अच्छा लगता था आप मुझे पढ़कर सुनाते थे तब पर आपने मुझे बहुत किताबे पढ़ाकर सुनाई पर मुझे 'गरूडझेप' किताब बहूत पसंद आयी ; क्योंकी उस किताब में बहुत ही प्रेरणा देणे वाली बाते हे उस किताब में पढाई का महत्त्व इतना बताया हे की यदी कोइ इनसान पढ़ना नहीं चाहे तो हो इनसान उस किताब को पढ़कर उसे भी पढ़ना पसंद आजाता है |
" गरूडझेप " किताब मेरी मनपसंद किताब हे पिताजी |
पिताजी आप जब आएगें तो हो किताब जरूर लाना | मुझे माँ और आपकी बहुत याद आती हे और मेरे छोटे भाई की भी याद आती हे | में अगले हप्ते आना हूआ तो जरूर आयुगीं |
आपकी लाडली बेटी,
मेघा गारोळे