अपने मनपसंद विषय पर एक निबंध लिखिए।
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मै बहुत से मामलों में बहुत चूजी रही हूं, जिन्दगी जीने का तरीका हमेशा औरो से जुदा रहा है। मुझे भीड़ में खोना पसंद नहीं। आप अलग तभी दिखोगे जब अलग करोगे, इसी सोच के साथ मै बड़ी हुई। हमेशा लोगो से अलग करमे की चाह, मेरी रूचि और व्यक्तित्व को भी औरो से अलग रखा। जो विषय दूसरे छात्रो को उबाऊ प्रतीत होते थे, मुझे मजेदार लगते थे। इसका जीवंत उदाहरण इतिहास विषय रहा, जो किसी को नहा भाता था, मेरा सर्वाधिक प्रिय विषय रहा।
इतिहास - मेरा प्रिय विषय
जहां आजकल सभी अभिभावक अपने बच्चो को केवल विज्ञान और गणित पढ़ाने के इच्छुक रहते है, मेरे मां-बाप भी इसके अपवाद नहीं थे, मेरा रूझान कला और कला-वर्ग के विषयों के तरफ देखकर उनके आश्चर्य का ठिकाना न था। फिर भी उन्होने ने सेरे पसंद का मान रखा, और अपने पसंदीदा विषय को पढ़ने की पूरी आजादी दी।
बहुत ही गौरवशाली इतिहास रहा है हमारा। मै बहुत ही आश्चर्यचकित होती हूं, कैसे किसी को अपनी सभ्यता-संस्कृति के बारे में पढ़ना अच्छा नहीं लगता। मुझे इतिहास पढ़ना बहुत पसंद है, तत्कालीन राजा-रानी कैसे शासन किया करते थे, कौन-कौन शासक अपनी प्रजा के प्रति दयालु था, कौन क्रूर, इनका पता केवल इतिहास से ही संभव है।
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please mark as brainliest
Answer:
मैं जब कोई गलती करता हूं तब मां मुझे डांटती नहीं हैं बल्कि प्यार से मुझे समझाती हैं। जब मैं दुखी होता हूं तब मेरी मां ही मेरे मुरझाए चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर आती हैं। उनके प्यार और ममतामयी स्पर्श को पाकर मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं। मेरी मां ममता की देवी समान हैं।