Hindi, asked by mardhekaryash437, 6 months ago

अपने नगर में फैल रहे किसी संक्रामक रोग की सूचना देते हुए स्वास्थ्यय अधिकारी को पत्र लिखिए ।

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Answered by rd285756
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Answer:

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गंदगी बनी संक्रामक रोगों के फैलने का कारण

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Publish Date:Sat, 27 Aug 2016 01:00 AM (IST)Author:

औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद में संक्रामक रोगों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए गांव की गंदगी को दोषी ठहरा रहा है। वहीं दूसरी ओर सही समय पर कार्रवाई न होने के कारण बीमारों की संख्या में वृद्धि हो जाती है। जिसके चलते मौतों की संख्या में वृद्धि हो जाती है।

जनपद में अभी तक एक दर्जन गांवों में संक्रामक रोग की दस्तक हो चुकी है। सबसे पहले दिबियापुर क्षेत्र के गांव नौगवां में हैजा फैल जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जबकि दो दर्जन से अधिक लोग बीमार हुए थे। जिनका इलाज सहार सीएचसी व जिला अस्पताल में किया गया था। करीब एक सप्ताह की मेहनत के बाद संक्रामक रोगों पर स्वास्थ्य विभाग नियंत्रण कर पाया था। इसके अलावा फफूंद क्षेत्र के ताहरपुर में भी संक्रामक रोग फैलने से एक बालिका की मौत हो गई थी। यहां भी दो दर्जन से अधिक मरीज संक्रामक रोगों से पीड़ति थे। हाल ही में अछल्दा क्षेत्र के गांव बघईपुर में हैजा फैल जाने से आठ वर्षीय बालिका की मौत हो गई थी। वहीं आधा दर्जन अन्य लोग भी बीमार थे। इन तीनों मामलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम जब गांव में पहुंची। उससे पहले इन तीनों जगह एक -एक लोग की मौत हो चुकी थी। इसका प्रमुख कारण था कि आसपास इलाज की सुविधा न होना तथा झोलाछाप डाक्टरों से इलाज कराना भी प्रमुख रहा है। वहीं दूसरी ओर गांव में संक्रामक रोगों के नियंत्रण के बाद कोई भी टीम दोबारा गांव के निरीक्षण के लिए नहीं पहुंची है। एएनएम व आशा के हवाले गांव की स्वास्थ्य व्यवस्था रहती है।

सूचना का दिखाई देता अभाव

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला मुख्यालय पर संक्रामक रोग नियंत्रण दस्ते का गठन तो कर दिया गया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का सूचना तंत्र अविकसित होने के कारण टीम के पास जब खबर पहुंचती है तब स्थिति बिगड़ चुकी होती है। ऐसे में जब टीम पहुंचती है तो उसे और मेहनत करनी पड़ती है। तब कहीं जाकर संक्रामक रोगों पर रोकथाम लग पाती है। जबकि स्वास्थ्य विभाग की एएनएम व आशा बहुएं हर गांव में तैनात हैं। इसके बावजूद विभाग तक सूचना आने में समय लग जाता है। हालांकि संक्रामक रोगों के लिए अधिकारियों को दोषी ठहराए जाने की बात से इस पर प्रभावी अंकुश लग सकेगा।

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