अपने नव-जीवन का अमृत सहर्ष खींच दूंगा मैं,
द्वार दिखा दूंगा फिर उनको
है मेरे वे जहाँ अनंत,
अभी न होगा मेरा अंत।
) प्रत्यूष शब्द का सही अर्थ क्या है ?
सोई कलियों को, कवि कैसे जगाना चाहता है ?
कवि ने ऐसा क्यों कहा है कि "अभी न होगा मेस अंत?
“अभी-अभी ही तो आया है, मेर वन में मृदुल बसंत पंक्ति के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ?
उपर्युक्त पद्यांश का शीर्षक लिखिए।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
"अभागे भारत ! मैंने तुझसे सब प्रकार का लाभ उठाया और तेरी बदौलत दह शान
देखी, जो इस जीवन में असंभव था। तूने मेरा कुछ नहीं बिगाड़ा, पर मैने तेर बिगाड़ने में
कुछ कमी न की संसार के सबसे पुराने देश। जब तक मेर हाथ में शक्ति थी तेरी भलाई
की इच्छा मेरे जी में न थी। अब कुछ शक्ति नहीं है, जो तेरे लिए कुछ कर सकें। पर आर्शीवाद
करती हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन गौरव और यश को फिर से लाभ करे। मेरे बाद
आने वाले तेरे गौरव को समझें। आप कर सकते है और यह देश आपकी किसान
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Sorry I can't understand
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