अपन नव जीवन
ट
क)
'पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं' पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
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कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की इन पंक्तियों का आशय
- पुष्प (फूल) से मै आलस्य को खींच ( निकाल) दूंगा मै।
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