Hindi, asked by heenanarayan10, 3 months ago

अपने पुराने कपड़ों को बांटने पर विज्ञापन​

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Answered by PrabhudevaRs
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ज्यादातर लोग अपने पुराने या छोटे पड़ चुके कपड़ों को घर में काम करने वाली बाइयों को दे देते हैं या घर की साफ सफाई के लिए इस्तेमाल करते हैं या फिर इन कपड़ों के बदले मिलने वाला सामान खरीद लेते हैं जैसे बर्तन इत्यादी, लेकिन कभी आपने सोचा कि जो कपड़े आपकी जरूरत के नहीं रहे वो दूसरों की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। कई बार आप चाहते भी हैं कि उन पुराने या छोटे कपड़ों का सही इस्तेमाल हो लेकिन आप ये जानते कि इन कपड़ों को किसे दिया जाये ताकि जिनको इनकी सबसे ज्यादा जरूरत हैं उन तक ये पहुंच सके। आपकी इस मुश्किल को आसान किया है ‘क्लॉथ बॉक्स फाउंडेशन’ ने। जो ना सिर्फ जरूरतमंदों तक आपके दिये कपड़े पहुंचाता है बल्कि जो लोग उन कपड़ों को पहनते हैं उनकी तस्वीर फेसबुक के जरिये आप तक पहुंचाता है। ‘क्लॉथ बॉक्स फाउंडेशन’ को साल 2014 में शुरू किया 23 साल के साजन अबरोल और उनके दोस्त नमन अहलूवालिया ने। साजन के मुताबिक “जब हम बड़े होते हैं तो हमें बताया जाता है कि कैसे एक अच्छी नौकरी या व्यापार किया सकता है। हमें ये कभी नहीं बताया जाता कि समाज के प्रति हमारी क्या जिम्मेदारी होती है और कैसे हमें उनके लिए काम करना चाहिए।” तभी तो साजन जब इंटर्नशिप कर रहे थे तो उन्होने देखा कि एनजीओ के काम में जितनी पारदर्शिता होनी चाहिए वो नहीं है। उनके मुताबिक एक एनजीओ को दान देने वाले और उसे पाने वाले के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभानी होती, लेकिन ज्यादातर मामलों में ऐसा देखने को नहीं मिलता। तब इन दोनों दोस्तों ने तय किया कि वो समाज सेवा का काम करेंगे। साजन ने सोशल मीडिया कंपनी मे इंटर्नशिप की थी इसलिए वो फेसबुक और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना जानते थे। तब उन्होने एक ऐसी एनजीओ बनाने का फैसला लिया जिसका सारा काम सोशल मीडिया के जरिये पारदर्शी तरीके से हो। साथ ही लोगों को ये भी पता चले कि उनका दिया दान कहां और कौन इस्तेमाल कर रहा है। साजन कहते हैं कि किसी भी समाज में इंसान की तीन आधारभूत जरूरतें होती हैं- रोटी, कपड़ा और मकान। उन्होने सोचा की रोटी और मकान को तो वो लोगों तक नहीं पहुंचा सकते इसलिए उन्होने कपड़े को आम लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है। साजन और नमन ने अपने अलावा दोस्तों और रिश्तेदारों के कपड़ों से इसकी शुरूआत की। धीरे धीरे ये कारवां बढ़ता गया। जिसके बाद इन दो सालों में ये अब तक 19 हजार कपड़े लोगों के बीच बांट चुके हैं।

Answered by ayushisagar1000
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