अपने पिताजी को अपने विद्यालय के वार्षिकोत्सव के बारे में विषय में बताएं पत्र लिखकर
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विषय : विद्यालय में वार्षिकोत्सव का वर्णन
पूज्य पिताजी,
चरण स्पर्श
आपका पत्र प्राप्त हुआ। घर में सभी लोग सकुशल एवं सानंद हैं। आपकी अनुपस्थिति ही कष्टकारी है। सब आपकी प्रतीक्षा में हैं। कार्य की अधिकता के
कारण मैं समय से उत्तर न दे पाने के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ। मुख्य कारण यह था कि मैं पिछले माह विद्यालय के वार्षिकोत्सव की तैयारियों में काफी व्यस्त था। कल हमारे विद्यालय के प्रांगण में वार्षिकोत्सव मनाया गया। माननीय जिलाधीश महोदय की अध्यक्षता में हमारायह कार्यक्रम अत्यंत सफल और रोचक रहा। सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके पश्चात् हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य महोदय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए गत वर्ष की उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया। सर्वप्रथम प्राथमिक कक्षाओं द्वारासांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई जिसे दर्शकों और अतिथियों का विशेष प्रोत्साहन प्राप्त हुआ। इसके पश्चात् सीनियर ग्रुप द्वारा लोकनृत्य, गीत, मूक अभिनय एवं एकांकी नाटक प्रस्तुत किए गए। मेरे द्वारा अभिनीत नाटक ‘अजातशत्रु’ में मेरी अजातशत्रु की भूमिकादर्शकों ने बहुत सराही। मैंने ‘आतंकवाद’ विषय पर बहुत उत्कृष्ट एवं परिमार्जित रूप से अपने विचार प्रस्तत किए और लोगों का आह्वान किया कि वे इसके समल नाश के लिए सरकारको अपना हर संभव सहयोग प्रदान करें। मेरे विचारों से समस्त श्रोता और अतिथिगण काफी प्रभावित हुए। सबने मुझे बहुत मान दिया। अंत में मुख्य अतिथि के कर-कमलों द्वारा पारितोषिक वितरण किया गया। मुझे श्रेष्ठ अभिनेता, श्रेष्ठ वक्ता एवं श्रेष्ठ संयोजक के लिएतीन पुरस्कार प्राप्त हुए। इस अवसर पर आपकी अनुपस्थिति मुझे अखरती रही। मुख्य अतिथि के संक्षिप्त भाषण तथा प्रधानाचार्य महोदय के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। शेष कुशल है।
माताजी तथा भैया-भाभी को सादर प्रणाम।
आपका पुत्र / पुत्री
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