अपने पिताजी के पास एक पत्र लिखे जिसमे शिक्षा पर स्वामी विवेकानंद जी के विचार पर प्रकाश डालें
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Answer:
HIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIIII
Explanation:
BYEEEEEEEEEEE
स्वामी विवेकानंद जी के विचार पर अपने पिताजी को पत्र निम्न प्रकार से लिखा गया है।
100,
गार्डन व्यू अपार्टमेंट,
जुहू रोड,
मुंबई ।
दिनांक : 2/9/22
आदरणीय पिताजी ,
सादर प्रणाम ,
आप सब वह पर सकुशल होंगे, मै भी यहां छात्रावास में ठीक हूं।
आगे समाचार यह है कि कल हमारे विद्यालय में " स्वामी विवेकानंद के शिक्षा पर विचार " इस विषय पर टिप्पणी करने के लिए प्रतियोगिता रखी गई थी जिसमे मुझे प्रथम पुरस्कार मिला। यह सब आपके सहयोग से हुआ है।
आपने स्वामी विवेकानंद जी की एक किताब मुझे उपहार स्वरूप दी थी जो मैंने पूरी पड़ी व ज्ञान अर्जित किया।
उनके विचार इस प्रकार है :
उठो, जागो तथा लक्ष्य की प्राप्ति करो इसका आशय है कि आलस कभी मत करो।
उनका दूसरा विचार है - मनुष्य के मन में ज्ञान है परन्तु वह ढका हुआ है उसे धीरे धीरे उजागर करो।
तीसरा विचार है : शिक्षा उस अभ्यास को कहते है जिस अभ्यास से मनुष्य की इच्छा शक्ति तथा प्रकाश संयमित होकर फलदाई बने ।
उनका एक और विचार यह है कि एकाग्रता ही ज्ञान प्राप्ति का मार्ग है।
उनके ये विचार जीवन के सही मार्गदर्शन बनकर हमेशा मेरे साथ रहेंगे।
अब मै यह पत्र यही समाप्त करता हूं। माताजी को मेरा प्रणाम ।
आपका आज्ञाकारी पुत्र ,
क. ख. ग।
#SPJ2