India Languages, asked by shraddakopoor652, 10 months ago

अपनी पाठ्यपुस्तक के आधार पर किसी एक पात्र का हिन्दी में चरित्र-चित्रण लिखिए। (अधिकतम 100 शब्द)
(i) महाश्वेता
(ii) पत्रलेखा
(iii) चन्द्रापीड़

Answers

Answered by afnan1141
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Answer:

जिसके लिए "विहस्य" छठी विभक्ति का है और "विहाय" चौथी विभक्ति का है ; "अहम् और कथम्"(शब्द) द्वितीया विभक्ति हो सकता है। मैं ऐसे व्यक्ति की पत्नी (द्वितीया) कैसे हो सकती हूँ?

(ध्यान दें कि किसी पद के अन्त में 'स्य' लगने मात्र से वह षष्टी विभक्ति का नहीं हो जाता, और न ही 'आय' लगने से चतुर्थीmmmmmmmmmmmmm विभक्ति का । विहस्य और विहाय ये दोनों अव्यय हैं, इनके रूप नहीं चलते। इसी तरह 'अहम्' और 'कथम्' में अन्त में 'म्' होने से वे द्वितीया विभक्ति के नहीं हो गये। अहम् यद्यपि म्-में अन्त होता है फिर भी वह प्रथमपुरुष-एकवचन का रूप है। इस सामान्य बात को भी जो नहीं समझता है, उसकी पत्नी कैसे बन सकती हूँ? अल्प ज्ञानी ......mmmmmmmmm

Answered by coolthakursaini36
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                                          चन्द्रापीड

महाकवि बाणभट्ट संस्कृत साहित्य के सर्वाधिक समर्थ गद्यकार हैं कादंबरी उनका प्रसिद्ध काव्य है चन्द्रापीड कादंबरी में नायक हैं जो शूरवीर तथा विनयशील है चंद्रापीड के पिता तारापीड युवराज चंद्रापीड का राजतिलक कर देना चाहते हैं सेवकों को आवश्यक सामग्री इकट्ठा करने का आदेश दे दिया गया है । राजा तारापीड का एक अनुभवी मंत्री शुकनास है राजतिलक से पहले युवराज चंद्रापीड मंत्री शुकनास का दर्शन करने के लिए जाता है। शुकनास सनी भाव से उसे समय के अनुकूल उपदेश करते हैं।

समय के अनुसार चंद्रापीड महाश्वेता से मिलता है। महाश्वेता ने अपनी सखी कादंबरी के बारे में चन्द्रापीड को बताया तथा उसे कादंबरी से मिलवाया। प्रथम दर्शन से ही कादंबरी और चन्द्रापीड को प्रेम हो जाता है|  

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