अपने पराग आइए, अब लिखें 1. निम्नलिखित गद्यांश के खाली स्थानों को उपयुक्त कारक-चिह्नों से भरिए- एक जंगल में पारिजातका एक पेड़ था। पारिजात का कोई मुकाबला नहीं था। उस पड़ बेजोड़ थी। उसकी सुगंध बहुत प्यारी थी। वैसे जंगल में न जाने कितने पेड़ थे। कई पारिजात वा सुहानेपन और व भी बड़े थे। कई पेड़ पारिजात सुगंध मोहकता पारिजात मुकाब रंग और गंध आदि गुण इतने सुंदर रूप मौजूद थे कि जंगल सिर कर सकता था। पारिजात भी अपने गुणों शान खड़ा रहता, मानो पेड़ों सरताज हो। 2. निम्नलिखित वाक्यों में से कारक छाँटिए और उनके भेद बताइए- (क) हे प्रभु! इस लड़के को बुद्धि दे। पटोलि की फॉक पसंद आई। ज्यादा सुंदर थे। कई पेड़ अपने फूलों ज्यादा अच्छे थे, लेकिन पारिजात कोई पेड़ पारिजात पूरा-पूरा पता था। वह नीले आकाश
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परिजात को भी अपने गुणों का पूरा-पूरा पता था। नीले आसमान में सिर उठाए इस शान से खड़ा रहता, मानों पेड़ों का सरताज हो। जब बहार के दिन आते तो परिजात अनगिनत नन्हें-नन्हें फूलों से लद जाता, लगता मानों किसी ने आकाश से सारे तारे तोड़कर परिजात की शाखाओं पर टाँक दिए हो।
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अपने गुणों शान खड़ा रहता, मानो पेड़ों सरताज हो। 2. निम्नलिखित वाक्यों में से कारक छाँटिए और उनके भेद बताइए- (क) हे प्रभु! इस लड़के को बुद्धि दे। पटोलि की फॉक पसंद आई। ज्यादा सुंदर थे। कई पेड़ अपने फूलों ज्यादा अच्छे थे, लेकिन पारिजात कोई पेड़ पारिजात पूरा-पूरा पता था। वह नीले आकाश
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