अपने परिसर में लावारिस कुत्तों की बडती संरॅया एंव उनसे होने वाली परेसानियो के बारे में संबंधित अधिकारी को पत्र लिखिए
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जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी के हर वार्ड में लावारिस कुत्तों का आतंक है। साल दर साल इनकी तादाद बढ़ रही है। गली चौराहों में लोग इन कुत्तों से सहमे हुए हैं। हालात यह है कि लोगों का अकेला चलना मुश्किल हो गया है। नगर निगम भी इस समस्या से निपटने में नाकाम साबित हो रहा है। निगम महीने में कभी कभार ही कुत्तों को पकड़ने की मुहिम शुरु करता है। रिज माल रोड, स्कैंडल में ही कुत्ते पकड़ कर निगम प्रशासन जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है। जबकि वार्डो में डॉग स्कवायड जाती ही नहीं है।
शहर में लावारिस कुत्तों की समस्या काफी बड़ी है। लेकिन प्रशासन गंभीर नहीं है। हर महीने कुत्तों के काटने के औसतन चार से पांच मामले अस्पतालों में शहर के विभिन्न वार्डो से आते हैं। मंगलवार को कसुम्पटी वार्ड में दस लोगों को लावारिस कुत्तों ने काट खाया। लोगों ने कई बार इन कुत्तों को पकड़ने के लिए मुहिम चलाने की गुहार लगाई है लेकिन प्रशासन पर कोई असर नहीं हुआ।