अपनी पढ़ाई और अपने नए मित्रों के बारे में बताते हुए अपने चाचाजी को एक पत्र लिखिए|
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Answer:
छात्रावास,
क. ख.ग. नगर,
मुरादनगर ।
दिनांक .
आदरणीय माताजी,
सादर प्रणाम,
मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ। आशा है वहाँ भी सब लोग कुशलपूर्वक होंगे। आपका पत्र पढ़कर मुझे ज्ञात हुआ कि आप मेरी बहुत चिंता करती है। माँ, जबसे मैं यहाँ आया हूँ, मुझे भी घर की बहुत याद आ रही है। आरंभ में मेरा मन भी यहाँ नहीं लग रहा था। परंतु विद्यालय में इतना काम होता है कि पूरा दिन निकल जाता है।
यहाँ शिक्षण की अत्यधिक आधुनिक तथा उचित व्यवस्था है। खेलकूद और पढ़ाई के साथ विज्ञान, कंप्यूटर की प्रयोगशालाएँ आदि हैं। सभी अध्यापक अनुभवी व अच्छे हैं। सफाई का यहाँ बहुत ध्यान दिया जाता है। छात्रावास में तीनों समय भोजन पकाया जाता है। बच्चों को घुमाने केलिए भी ले जाया जाता है। यहाँ पर मेरे बहुत से नए मित्र बन गए हैं। कमरे में मेरे साथ एक लड़का और रहता है। यह मेरा मित्र बन गया है जिसका नाम अमर है। वह मेरी ही कक्षा का है।
अत: आप किसी प्रकार की चिंता मत कीजिएगा। पिताजी को नमस्कार कहिएगा और गुड्डू को प्यार। अब पत्र समाप्त करता हूँ। आपके पत्र की प्रतीक्षा रहेगी। पत्र अवश्य लिखिएगा।
आपका बेटा,
नवीन
Answer:idk
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