अपनी सभ्यता का जब मैं अवलोकन करता हूँ, तब लोगों को काम के संबंध को उनकी विचारधारा के अनुसार उन्हें विभाजित करने
लगता हूँ। एक वर्ग में वे लोग आते हैं, जो काम को उस घृणित आवश्यकता के रूप में देखते हैं, जिसकी उनके लिए उपयोगिता केवल
धन अर्जित करना है। वे अनुभव करते हैं कि जब दिनभर का श्रम समाप्त हो जाता है, तब वे जीना सचमुच शुरू करते हैं और अपने
आप में होते हैं। जब वे काम में लगे होते हैं, तब उनका मन भटकता रहता है। काम को वे उतना महत्त्व देने का कभी विचार नहीं करते,
क्योंकि केवल आमदनी के लिए ही उन्हें काम की आवश्यकता है। दूसरे वर्ग के लोग अपने काम को आनंद और आत्मपरितोष पाने के
एक सुयोग के रूप में देखते हैं। वे धन इसलिए कमाना चाहते हैं ताकि अपने काम में अधिक एकनिष्ठता के साथ समर्पित हो सकें।
जिस काम में वे संलग्न होते हैं, उसकी पूजा करते हैं।
पहले वर्ग में केवल वे लोग ही नहीं आते हैं, जो बहुत कठिन और अरुचिकर काम करते हैं। उसमें बहुत-से सम्पन्न लोग भी सम्मिलित
हैं, जो वास्तव में कोई काम नहीं करते हैं। ये सभी धन को ऐसा कुछ समझते हैं, जो उन्हें काम करने के अभिशाप से बचाता है। इसके
सिंवाय कि उनका भाग्य अच्छा रहा है, वे अन्यथा उन कारखानों के मजदूरों की तरह ही हैं जो अपने दैनिक काम को जीवन का सबसे बड़ा
अभिशाप समझते हैं। उनके लिए काम कोई घृणित वस्तु है और धन वांछनीय, क्योंकि काम से छुटकारा पाने के साधन का प्रतिनिधित्व
यही धन करता है। यदि काम को वे टाल सकें और फिर भी धन प्राप्त हो जाए, तो खुशी से यही करेंगे।
जो लोग काम के अनुरक्त हैं तथा उसके प्रति समर्पित हैं, ऐसे कलाकार, विद्वान और वैज्ञानिक दूसरे वर्ग में सम्मिलित हैं। वस्तुओं को
बनाने और खोजने में वे हमेशा दिलचस्पी रखते हैं। इसके अंतर्गत परंपरागत कारीगर भी आते हैं, जो किसी वस्तु को रूप देने में गर्व
और आनंद का वास्तविक अनुभव करते हैं। अपनी मशीनों को ममत्वभरी सावधानी से चलाने और उनका रख-रखाव करने वाले कुशल
मिस्त्री और इंजीनियर इसी वर्ग से संबंधित हैं।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-
6. कितने प्रकार के काम करने वाले लेखक को दिखाई देते हैं।
(अ) दो प्रकार के
(ब) तीन प्रकार के
(स) चार प्रकार के
(द) अनेक प्रकार के।
7. जिन लोगों के लिए काम की उपयोगिता धन प्राप्त करना है, वे क्या अनुभव करते हैं?
(अ) दिनभर श्रम करके रात को सो जाते हैं।
(ब) दिनभर का श्रम समाप्त होने पर सचमुच में जीना शुरू करते हैं।
(स) दिन में सोकर रात को श्रम करते हैं।
(द) दिनभर काम में लगे रहते हैं।
8. दैनिक काम को जीवन का सबसे बड़ा अभिशाप समझने के दृष्टिकोण को कैसे बदला जा सकता है?
(अ) काम के प्रति पूर्ण समर्पण और विश्वास जगाकर
(ब) काम के प्रति आलस्यपूर्ण रहकर
(स) काम को टालते ही रहने की प्रवृत्ति अपनाकर
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
9.काम के प्रति समर्पित लोगों के वर्ग में कौन-कौन लोग आते हैं?
(अ) आलसी, धनवान, कारखानों के मजूदर
(ब) कलाकार, विद्वान, कुशल मिस्त्री, इंजीनियर और वैज्ञानिक
(स) काम से घृणा करने वाले, काम को अभिशाप समझने वाले
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
10. उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए-
(अ) आलसी व्यक्ति
(ब) कर्म ही पूजा है
(स) सभ्यता का विभाजन
(द) काम के प्रति समर्पण
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too tough for me sry I can't
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mnxjxmnjxmddxxncjmkdnc
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