Hindi, asked by thakurhazarichand, 1 month ago

अपने शहर मै मना‌ गए "योग दिवस समारोह " का वृत्तांत ६० से ८० शब्द में लिखिए‌‌‍.​

Answers

Answered by mdaadil9933
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Answer:

"योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। तो आयें एक अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं।"

—नरेन्द्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र महासभा

Answered by goraigopal385
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जीवन परिचय-कृष्णनाथ का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 1934 ई. में हुआ। इन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए की। इसके बाद इनका झुकाव समाजवादी आंदोलन और बौद्ध दर्शन की ओर हो गया। बौद्ध दर्शन में इनकी गहरी पैठ है। वे अर्थशास्त्र के विद्वान हैं और काशी विद्यापीठ में इसी विषय के प्रोफेसर भी रहे। इनका अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं पर अधिकार है। वे दोनों भाषाओं की पत्रकारिता से जुड़े रहे। ये हिंदी की साहित्यिक पत्रिका कल्पना के संपादक मंडल में कई वर्ष तक रहे। इन्होंने अंग्रेजी के मैनकाइंड का कुछ वर्षों तक संपादन भी किया।

वे राजनीति, पत्रकारिता और अध्यापन की प्रक्रिया से बौद्ध दर्शन की ओर मुड़े। इन्होंने भारतीय व तिब्बती आचार्यों के साथ बैठकर नागार्जुन के दर्शन और वज़यानी परंपरा का अध्यापन किया। इन्होंने भारतीय चिंतक जे. कृष्णमूर्ति के साथ बौद्ध दर्शन पर काम किया। इन्हें लोहिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

● रचनाएँ-इनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं-

लद्दाख में राग-विराग, किन्नर धर्मलोक, स्पीति में बारिश, पृथ्वी परिकमा, हिमालय यात्रा. अरुणाचल यात्रा, बौद्ध निबंधावली।

इसके अलावा, इन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में कई पुस्तकों का संपादन भी किया।

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