अपने शहर में तालाबींदी के कारण ववद्र्ालर् के द्वारा ऑनलाइन पढाई की कठिनाइर्ों के सींबींध
में अपने प्राचार्य को पत्र ललखिए ।
Answers
लॉकडाउन की स्थिति ने स्कूली पढ़ाई के क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल के नए द्वार खोल दिए हैं। इसके लिए वाट्सएप, जूम एप, फेसबुक जैसे सोशल प्लेटफार्म का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में उलझन ज्यादा और समाधान कम है। एकतरफा संवाद के कारण बच्चे खुद को फंसा पाते हैं। वहीं नए सत्र की किताबों नहीं होने के कारण अभिभावक भी बच्चों की सहायता नहीं कर पाते। नतीजतन बच्चों को टास्क को पूरा करने में दिक्कत हो रही है।
आधुनिक तकनीक से लैस पढ़ाई की इस नई विधा की जमीनी स्थिति की पड़ताल करने के लिए जागरण की टीम ने शहर के अधिकांश स्कूलों के विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों के बातचीत कर जानना चाहा कि अब तक इस कवायद का फलाफल कैसा है? इस दौरान कई तरह की स्थिति देखने को मिली। अधिकांश स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान स्मार्टफोन पर वाट्सएप को माध्यम बनाया गया है, जिसमें स्कूल टीचर की ओर से एकतरफा संवाद होता है। बच्चों को टास्क तो भेज दिया जा रहा लेकिन समाधान के तरीके बताने के कोई व्यवस्था नहीं है। हां, कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां जूम एप के माध्यम से जीवंत क्लास चलाने का प्रयास किया जा रहा और बच्चों को उनके सवालों का जवाब भी दिया जा रहा। लेकिन ऐसे स्कूलों की संख्या कम है। शहर और आसपास के इलाकों में सीबीएसई या आइसीएसई से मान्यताप्राप्त स्कूलों की संख्या 50 से ज्यादा है। विद्यार्थियों की संख्या एक लाख से ऊपर है। यदि सरकारी स्कूलों को इसमें शामिल कर लिया जाए तो बच्चों की संख्या और बढ़ा जाती है।
21 दिनों के लॉकडाउन का बच्चों की पढ़ाई पर भी खासा असर पड़ा है. ऐसे में वर्चुअल क्लासेज और ऑनलाइन पढ़ाई ने बड़ा सहारा दिया है. सत्र काफी पिछड़ जाने की आशंका से परेशान स्कूलों के प्रबन्धन के लिये ऑनलाइन शिक्षण संकटमोचक साबित हो रहा है.
लॉकडाउन में भी जारी है पढ़ाई
लखनऊ के प्रमुख स्कूल ग्रुप में शुमार सिटी मोन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) की अध्यक्ष प्रोफेसर गीता गांधी किंगडन ने सोमवार को बताया '' लॉकडाउन में भी ग्रुप के सभी स्कूलों की पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आ रही है. वर्चुअल क्लासेज की परिकल्पना ऑनलाइन माध्यमों से साकार हो सकी है.'' उन्होंने बताया ''कोरोना वायरस के खतरे के कारण स्कूलों में शिक्षण कार्य ठप हो गया है, ऐसे में सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने छात्रों की पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए ई-लर्निंग का रास्ता अपनाया है, जिसके माध्यम से छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं.''