अपनी देखी-सुनी किसी आपदा का वर्णन कीजिए।
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उत्तर :
26 जनवरी का वह भयानक दिन कभी भी भुलाया नहीं जा सकता जब गुजरात के सब लोग दूरदर्शन पर 26 जनवरी की परेड देख रहे थे तभी अचानक आए भूकंप ने गुजरात प्रदेश को ही नहीं देश प्रदेश को भी हिलाकर रख दिया। बड़े-बड़े भवन गिर गए और उनमें दबे हुए लोगों की चीख पुकार से पूरा वातावरण त्रस्त था। हजारों लोग उसमें दबकर मर गए। अनेक लोग घायल हो गए थे। कई छोटे बच्चे भी दबकर मर गए थे। कुछ बच्चे अनाथ हो गए थे। राहत कार्य युद्धस्तर पर हो रहे थे। जगह-जगह पर राहत सामग्री पहुंचाई जा रही थी। रोते बिलखते लोगों की दयनीय दशा सभी को व्यथित कर रही थी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
26 जनवरी का वह भयानक दिन कभी भी भुलाया नहीं जा सकता जब गुजरात के सब लोग दूरदर्शन पर 26 जनवरी की परेड देख रहे थे तभी अचानक आए भूकंप ने गुजरात प्रदेश को ही नहीं देश प्रदेश को भी हिलाकर रख दिया। बड़े-बड़े भवन गिर गए और उनमें दबे हुए लोगों की चीख पुकार से पूरा वातावरण त्रस्त था। हजारों लोग उसमें दबकर मर गए। अनेक लोग घायल हो गए थे। कई छोटे बच्चे भी दबकर मर गए थे। कुछ बच्चे अनाथ हो गए थे। राहत कार्य युद्धस्तर पर हो रहे थे। जगह-जगह पर राहत सामग्री पहुंचाई जा रही थी। रोते बिलखते लोगों की दयनीय दशा सभी को व्यथित कर रही थी।
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Answer:
जुलाई 2005 पूरा मुंबई शहर बाढ़ में डूब गया था। पूरा का पूरा शहर जल में डूब चूका था । करीब एक बजे के आस-पास वर्षा ने अपना जो प्रलयंकारी रूप धरा वह करीब हफ्ते भर जारी रहा।लोग दफ्तरों दुकानों और काम के स्थानों में फँसे के फँसे रह गए । नन्हें बच्चे विद्यालय में बिना बिजली के पूरी रात काटने के लिए मजबूर हो गए। इस त्रासदी में न जाने कितनी जानें गई और देश की इस आर्थिक राजधानी को कितना आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।
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