अपना देश प्यारा देश पर अनुच्छेद
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हमारा देश भारत एक महान देश है जिसका एक गौरवशाली अतीत है तथा गौरवमयी संस्कृति व सभ्यता है । हमारा देश विश्व के समस्त देशों से अद्भुत व निराला देश है । मुझे अपने देश की संस्कृति व सभ्यता पर गर्व है ।
मैं जब भी किसी से कहता हूँ कि मैं भारतवासी हूँ या मुझे कोई भारतीय कहकर पुकारता है तो मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस करता हूँ । हमारे देश के विश्व में अन्य देशों से अद्भुत व न्यारे होने के कई कारण हैं जिसका विस्तृत अवलोकन इस बात की पुष्टि करता है ।
हमारे देश की संस्कृति व सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है । यह देश ऋषियों-मुनियों का देश रहा है । भारत को इसीलिए अनेक महापुरुषों ने देवों की धरती कहा है क्योंकि यहाँ पर संस्कृति व सभ्यता पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है और हजारों वर्ष बाद भी भारतीय संस्कृति उतने ही सशक्त व जीवंत रूप में विद्यमान है । हमारे देश की संस्कृति त्याग, बलिदान, प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, श्रद्धा आदि महान नैतिक, शुद्ध व दैवी गुणों पर आधारित है ।
विशाल हृदय वाली इस संस्कृति ने हमें अपने दुश्मनों से भी प्रेम करना सिखाया है । इसी धरती पर भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, त्याग की प्रतिमूर्ति महात्मा दधीचि, दानवीर कर्ण, महाप्रतापी व सत्यवादी राजा हरिश्चंद आदि महापुरुषों ने जन्म लिया । गाँधी जी जैसे युगपुरुष यहीं पर अवतरित हुए जिन्होंने बिना शस्त्र के ‘सत्य और अहिंसा’ के मार्ग पर चलते हुए भारत को स्वतंत्र कराया । संपूर्ण विश्व युगपुरुष गाँधी जी को आज भी नमन करता है ।
हमारे देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक तथा गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक विभिन्न भाषा, जाति, वेश-भूषा व विभिन्न मतों के लोग एक साथ निवास करते हैं । इतने विभिन्न रंगों को एकीकृत रूप में पिरोना भारत जैसे महान देश में ही संभव है । भारतीय संस्कृति की उदारता व महानता का यह साक्षात् प्रमाण है ।
यहाँ विश्व के लगभग समस्त धर्मों के लोग परस्पर मेल-जोल से रहते हैं । सभी को बिना भेदभाव अपने धर्म को मानने व प्रचार-प्रसार की खुली अनुमति है । उत्तर से दक्षिण हो या फिर पूर्व से पश्चिम हम भारत के किसी भी छोर पर जाएँ हमें जो भिन्नता यहाँ देखने को मिलेगी वैसी भिन्नता विश्व के शायद ही किसी कोने में उपलब्ध हो ।
कला की दृष्टि से भी हमारा देश उत्कृष्ट है । मुगलकालीन इतिहास में मुगल शासकों द्वारा प्रदत्त कला, विश्व कला जगत के लिए एक महान उपलब्धि है । हम आगरा के ताजमहल को लें, या फिर दिल्ली की कुतुबमीनार को सभी कला जगत की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हैं जिसे देखने के लिए हर वर्ष लाखों विदेशी पर्यटक भारत आते हैं ।
इसके अतिरिक्त अनेक ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें हमारा राष्ट्र विश्व के अग्रणी राष्ट्रों में से एक है । हमारे देश का संविधान विश्व का सबसे विस्तृत संविधान है जिसमें सभी भारतीय नागरिकों को समान अधिकार है चाहे वह किसी भी धर्म, जाति व संप्रदाय का हो । यहाँ कानून की दृष्टि से सभी समान हैं ।
स्वतंत्रता के मात्र पाँच दशकों के अंतराल में विज्ञान व तकनीकी के क्षेत्र में जो सफलता अर्जित की है उसने संपूर्ण विश्व को चौंका दिया है । अंतरिक्ष अनुसंधान में हमारा देश अग्रणी देशों में से एक है । परमाणु शक्ति के कारण भारत की गणना विश्व के शक्तिशाली देशों में की जाती है ।
कंप्यूटर व इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आज हमने स्वयं के साधन अर्जित किए हैं तथा साथ ही साथ निर्माण की प्रक्रिया में विश्व के अनेक देशों को हम सहायता पहुँचा रहे हैं । हमारा लोकतंत्र इतना शक्तिशाली बन चुका है कि आज विश्व संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ हमारी चुनावी प्रक्रिया के गुणों को ग्रहण करने के लिए तत्पर है ।
भारत के राकेश शर्मा जब रूस के वैज्ञानिकों के साथ अंतरिक्ष की यात्रा पर थे तब तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व॰ श्रीमती इंदिरा गाँधी जी ने उनसे प्रश्न किया था कि अंतरिक्ष से भारत कैसा लग रहा है ? तब उन्होंने जवाब दिया – ‘सारे जहाँ से अच्छा ।’ नि:संदेह किसी भी भारतीय से हम प्रश्न करें तो उसका भी यही उत्तर होगा – ‘ सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्ताँ हमारा । ‘ इस प्रकार हम सभी को गर्व है कि हमें भारत जैसे महान देश में जन्म लेने का सौभाग्य मिला है ।