Hindi, asked by ankitayadav9683, 10 months ago

अपने द्धारा रचित कोई भी संवाद ( चित्र) के साथ लिखें​

Answers

Answered by Anonymous
12

Answer:

Answer is here my frnd, plz mark brainliest and follow me fast.

अच्छी संवाद-रचना के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-

(1) संवाद छोटे, सहज तथा स्वाभाविक हों।

(2) संवादों में रोचकता एवं सरसता हो।

(3) इनकी भाषा सरल, स्वाभाविक और बोलचाल के निकट हो। उसमें क्लिष्ट तथा अप्रचलित शब्दों का प्रयोग न हो।

(4) संवाद पात्रों की सामाजिक स्थिति के अनुकूल हों। अनपढ़ या ग्रामीण पात्रों और शिक्षित पात्रों के संवादों में अंतर रहना चाहिए।

(5) संवाद जिस विषय या स्थिति के सम्बन्ध में हों, उसे क्रमशः स्पष्ट करने वाले हों।

(6) प्रसंग के अनुसार संवादों में व्यंग्य-विनोद का समावेश होना चाहिए।

(7) यथास्थान मुहावरों तथा लोकोक्तियों के प्रयोग से संवादों में सजीवता आ जाती है।

Answered by Anonymous
14

संवाद लेखन की परिभाषा

जब दो या दो से अधिक लोगों के बीच होने वाले वार्तालाप को लिखा जाता है तब वह संवाद लेखन कहलाता है। संवाद लेखन काल्पनिक भी हो सकता है और किसी वार्ता को ज्यों का त्यों लिखकर भी।

अच्छी संवाद-रचना के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए -

  • (1) संवाद छोटे, सहज तथा स्वाभाविक होने चाहिए।

  • (2) संवादों में रोचकता एवं सरसता होनी चाहिए।

  • (3) इनकी भाषा सरल, स्वाभाविक और बोलचाल के निकट हो। उसमें बहुत अधिक कठिन शब्द तथा अप्रचलित (जिन शब्दों का प्रयोग कोई न करता हो) शब्दों का प्रयोग न हो।

  • (4) संवाद पात्रों की सामाजिक स्थिति के अनुकूल होने चाहिए। अनपढ़ या ग्रामीण पात्रों और शिक्षित पात्रों के संवादों में अंतर रहना चाहिए।

  • (5) संवाद जिस विषय या स्थिति के विषय में हों, उस विषय को स्पष्ट करने वाले होने चाहिए अर्थात जब कोई उस संवाद को पढ़े तो उसे ज्ञात हो जाना चाहिए की उस संवाद का विषय क्या है।

  • (6) प्रसंग के अनुसार संवादों में व्यंग्य-विनोद (हँसी-मजाक) का समावेश भी होना चाहिए।

  • (7) यथास्थान मुहावरों तथा लोकोक्तियों के प्रयोग करना चाहिए इससे संवादों में सजीवता आ जाती है। और संवाद प्रभावशाली लगते हैं।

  • (8) संवाद बोलने वाले का नाम संवादों के आगे लिखा होना चाहिए।

  • (9) यदि संवादों के बीच कोई चित्र बदलता है या किसी नए व्यक्ति का आगमन होता है, तो उसका वर्णन कोष्टक में करना चाहिए।

  • (10) संवाद बोलते समय जो भाव वक्ता के चेहरे पर हैं, उन्हें भी कोष्टक में लिखना चाहिए।

  • (11) यदि संवाद बहुत लम्बे चलते हैं और बीच में जगह बदलती हैं, तो उसे दृश्य एक, दृश्य दो करके बांटना चाहिए।

  • (12) संवाद लेखन के अंत में वार्ता पूरी हो जानी चाहिए।

अच्छे संवाद-लेखन की विशेषताएँ -

  • (1) संवाद में प्रवाह, क्रम और तर्कसम्मत (अर्थपूर्ण) विचार होना चाहिए।

  • (2) संवाद देश, काल, व्यक्ति और विषय के अनुसार लिखा होना चाहिए।

  • (3) संवाद सरल भाषा में लिखा होना चाहिए।

  • (4) संवाद में जीवन की जितनी अधिक स्वाभाविकता होगी, वह उतना ही अधिक सजीव, रोचक और मनोरंजक होगा।

  • (5) संवाद का आरम्भ और अन्त रोचक हो।

इन सभी विशेषताओं को ध्यान में रखकर छात्रों को संवाद लिखने का अभ्यास करना चाहिए। इससे उनमें अर्थों को समझने और सर्जनात्मक शक्ति को जागरित करने का अवसर मिलता है। उनमें बोलचाल की भाषा लिखने की प्रवृति जगती है।

Similar questions