अपने द्वारा देखी गई किसी प्रदर्शनी के अनुभव को अपने मित्र को पत्र लिखकर बताइए
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Answer:
विकास नगर,
शिमला|
दिनांक 19 जून , 2019
प्रिय कोमल ,
मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ और आशा करता हूँ कि, तुम भी स्वस्थ होंगे। इस पत्र से मैं आपको पुस्तक प्रदर्शनी के बारे ने बताना चाहती हूँ जो मैंने आज शिमला में देखी |
शिमला में रिज मैदान में पुस्तक प्रदर्शनी उत्सव का आयोजन था मैं और मेरी सहेली पुस्तक प्रदर्शनी देखने गये। अंदर जा के ऐसा लग रहा था जैसे पुस्तक मेला लगा हुआ है, चारों ओर बहुत भीड़ काफ़ी संख्या में लोग देखने आए थे। इतनी सारी तरह-तरह की पुस्तकें देखने में एक घंटा ऐसा बीत जैसे पता नहीं चला। बाहर के अनेक राज्यों से पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक वहां आये हुए थे। स्टॉलो पर पुस्तकें बड़े अच्छे ढंग से रखी हुई थीं । इतिहास, भूगोल, ज्ञान-विज्ञान, साहित्य, यात्रा, धर्म, भाषा, जीवन-वृत्त आदि सभी विषयों पर पुस्तकें थीं। हमने सब विषयों की पुस्तकों को देखा. देश की लगभग सभी प्रमुख भाषाओं की पुस्तकें वहां थीं । कुछ पुस्तक-विक्रेता नए वर्ष का कलेंडर, डायरी आदि पुस्तकों के साथ उपहार में दे रहे थे। एक स्टाल में कहानियों की पुस्तके थी। मैंने अपनी माँ के लिए खाना-खजाना की पुस्तक ली जिसमें काफ़ी खाना बनाने की विधियाँ थी । और अपने लिए मैंने प्रेमचन्द की कहानियां और एक अंग्रेजी का शब्दकोश अपने लिए खरीदा। हम बहार आ गये बहुत मज़ा आया । जल्दी मिलते है |
तुम्हारी सहेली ,
काव्या|