अपने विचार को एक दूसरे के साथ देते हैं तो कौन सा कम्युनिकेशन कहलाता है
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आजकल मीडिया शब्द का खूब प्रयोग होने लगा है। आम बोलचाल में भी लोग इसका इस्तेमाल करने लगे है। क्या आप बता सकते है कि मीडिया है क्या? जी, अखबार, रेडियों, टेलीविजन, फोन, इंटरनेट आदि को मीडिया की श्रेणी में रखा जाता है। मीडिया का अर्थ होता है संचार माध्यम। क्या कभी आपने इस बात पर विचार किया है कि संचार माध्यमों का हमारे जीवन में क्या महत्व है? आइये हम इस लेख के माध्यम से संचार माध्यमों के बारे में जानते है। ये कितने प्रकार के होते है और हमारे लिए इनकी क्या उपयोगिता है।
संचार माध्यम का महत्व
किसी भी सूचना, विचार या भाव को दूसरों तक पहुँचाना ही मोटे तौर पर संचार या कम्युनिकेशन कहलाता है। एक साथ लाखों-करोड़ों लोगों तक एक सूचना को पहुँचाना ही संचार या जनसंचार या मास कम्युनिकेशन मीडिया कहलाता है। मानव सभ्यवा के विकास में संचार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वैसे तो सभ्यता के विकास के साथ ही मुनष्य किसी न किसी रूप में संचार करता रहा है। जब आज की तरह टेलीफोन, इंटरनेट आदि की सुविधाएं नहीं थी, तब लोग चिट्ठी लिख कर अपना हाल-समाचार लोगों तक पहुँचाते और दूसरे का समाचार जानते थे। आपको यह जान कर हैरानी होगी कि चिट्ठी लिखने का प्रचलन भी बहुत पुराना नही है। जब डाक व्यवस्था नहीं थी तब लोग संदेश भेजने वालों जिन्हें संवदिया कहा जाता था, के माध्यम से एक गांव से दूसरे गांव तक संदेश भेजते या मंगाते थे।
पुराने समय में राजा के हरकारे पैदल या घोड़े की सवारी करते हुए राजा के संदेश राजधानी से दूसरी जगहों पर ले जाते और वहां से ले आते थे। आपने यह भी कई कहानियों में सुना होगा कि लोग कबूतरों के जरिए अपना संदेश भेजा करते थे। यही व्यवस्था बाद में एक सरकारी विभाग डाक-विभाग-बनाकर सबके लिए सुलभ कर दी गई थी। अब हर कोई एक निश्चित शुल्क देकर अपना संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से भेज सकता है। अब तो डाक व्यवस्था में इतने आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाने लगा है संदेश तार के जरिए पलक झपकते एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचा दिया जाता है। क्या आप जानते है। कि तार जिस मशीन से भेजा जाता है उसका ही विकसित रूप टेलीप्रिंटर कहा जाता है। इसके अलावा फैक्स, ई-मेल के जरिए पलक झपकते सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है। इन उपकरणों के आ जाने से सिर्फ डाक प्रणाली में नहीं बल्कि संचार माध्यमों को सूचनाएं इकट्ठी करने और प्रसारित करने में भी काफी सुविधा हुई है। इन उपकरणों के बारे में हम पहले पढ़ चुके है।संचार का अर्थ सिर्फ व्यक्ति का अपना हाल-समाचार दूसरों तक पहुंचाने तक सीमित नहीं है। हर व्यक्ति अपने या अपने संबंधियों की सूचनाएं जानने के अलावा देश-दुनिया की खबरों के बारे में जानने का इच्छुक होता है। उसके आस-पास क्या हो रहा है, दुनिया में कहों क्या घटना घट रही है, सबकी जानकारी प्राप्त करना चाहता है। सूचनाओं की इसी भूख के चलते संचार माध्यमों का लगातार विकास और विस्तार होता गया। आज अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव होता है या ईराक में लड़ाई छिड़ती है तो हर किसी की निगाह उस ओर लगी रहती है कि वहां क्या हो रहा होता है। वह हर पल की खबरें जानना चाहता है। अगर आस्ट्रेलिया में क्रिकेट मैच हो रहा होता है तो आपकी जिज्ञासा लगातार बनी रहती है कि किस टीम की क्या स्थिति चल रही है। इसी तरह तो लोग व्यवसाय या किसी व्यापार से जुड़े हैं या शिक्षा संबंधी जानकारी चाहते है उनके लिए भी हर पल बाजार में वस्तुओं की कीमतों और शेयरों के उतार-चढ़ाव की खबरें जानना जरूरी होता है, दुनिया में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे प्रयोग के बारे में जानने की जिज्ञासा रहती है। किसानों को मौसम और खेती में इस्तेमाल होने वाली नई तकनीक की जानकारी काफी मद्दगार साबित होती है। जरा सोचिए, अगर, अखबार, रेडियो, दूरदर्शन, मोबाइल जैसे संचार माध्यम न होते तो क्या ये सूचनाएं आप तक पहुंच पाती।
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