अपने व विद्यालय पर 150 शब्द में लेख
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सभी महापुरुषों को अपने स्कूलों में पढ़ना और लिखना सिखाया गया है। यह हमारा स्कूल है जो हमें कम उम्र में ही सही मूल्यों के साथ संपन्न करता है। हम मजबूत नैतिक मूल्यों का एक सेट सिखाते हैं जो हमारे जीवन में बाद में हमारी सेवा करते हैं। स्कूल जीवन वह अवधि है जो आपके बचपन की अधिकांश यादें बनाती है। हम अपने सहपाठियों के साथ सहवास करके हँसना, रोना, साझा करना और समर्थन करना सीखते हैं। स्कूल वह ढांचा है जो हमारे नैतिक चरित्रों का निर्माण करता है और एक मार्ग के रूप में कार्य करता है जिसे हमें अपने सपनों को प्राप्त करने के लिए पालन करना चाहिए।
प्रारंभिक वर्ष एक हवा की तरह गुजरते हैं और हमारे स्कूली जीवन के सबसे अच्छे वर्ष होते हैं लेकिन, उन्नत ग्रेड हमें सिखाते हैं कि जीवन हमेशा आसान नहीं होता है। हम परीक्षणों में असफल हो जाते हैं, हम काम खत्म करने के लिए रातों रात जागते हैं, हम शिक्षकों द्वारा डांटते हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम सीखते हैं कि जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना कैसे करना है। लाखों युवा दिमागों को गीला मिट्टी की तरह कोमल बनाने में स्कूलों की जबरदस्त जिम्मेदारी है। शिक्षक उत्कृष्ट कुम्हार हैं जो हमें ढालते हैं ताकि परिणामी आकृति बिना दरार के जीवन का भार सहने के लिए तैयार हो। भले ही स्कूली जीवन के बाद के चरण बोझ की तरह महसूस करते हों, हमें याद रखना चाहिए कि हमारे स्कूल का सबसे खुशी का समय बीता है
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मेरा विद्यालय
मेरे विद्यालय का नाम________________है । यह एक आदर्श विद्यालय है । यहाँ शिक्षा खेल-कूद तथा अन्य शिक्षेतर गतिविधियों की उत्तम व्यवस्था है । यहाँ का वातावरण शांत एवं मनोरम है ।
मेरे विद्यालय में छठी से लेकर दसवीं कक्षा तक की पढाई होती है । प्रत्येक कक्षा में दो या तीन सेक्सन (अनुभाग) हैं । विद्यालय का भवन दुमंजिला है । इसमें लगभग पचास कमरे हैं । कक्षा के सभी कमरे, फर्नीचर, पंखे आदि से सुसज्जित एवं हवादार हैं । प्रधानाचार्य का कक्ष विशेष रूप से सजा हुआ है । इसके अलावा स्टाफ रूम पुस्तकालय कक्ष, हॉल, कंप्यूटर कक्ष प्रयोगशाला कक्ष आदि भी सभी प्रकार की उत्तम व्यवस्था से युक्त हैं । विद्यालय में पेयजल और शौचालय का भी समुचित प्रबंध है ।
मेरे विद्यालय में लगभग ढाई हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं । अध्यापक- अध्यापिकाओं की संख्या पचास है । इनके अतिरिक्त दस अन्य स्टॉफ भी हैं । इनमें तीन क्लर्क एक माली एवं पाँच चपरासी हैं । एक दरबान है जो रात्रिकाल में विद्यालय की चौकीदारी करता है ।
शिक्षा के मामले में मेरा विद्यालय शहर में अग्रणी स्थान रखता है । प्राय : सभी विद्यार्थी अच्छे अंकों से पास होते हैं । शिक्षकगण विद्यार्थियों की प्रगति का पूरा लेखा-जोखा रखते हैं । अधिकांश शिक्षक विद्वान, अनुभवी एवं योग्य हैं । हमारी प्रधानाचार्या सुसंस्कृत एवं अनुशासनप्रिय हैं । उनके नेतृत्व में विद्यालय दिन-दूनी रात-चौगुनी उन्नति कर रहा है । वे विद्यालय के चहुंमुखी विकास के लिए कटिबद्ध दिखाई देती हैं । विद्यार्थी प्रधानाचार्या के प्रति बहुत आदरभाव रखते हैं ।