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अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाईयों का सामना करना पड़ा?
१० स्पष्ट कीजिये
स एक रोटी से उनकी भूख लो क्या शांत होती. पर दोनों के हृदय को सानो ओजन मिल गया।
Answers
‘ल्हासा की ओर’ पाठ में अपनी यात्रा के दौरान लेखक राहुल सांकृत्यायन को अनेक तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेखक जिस रास्ते से जा रहा था, वह रास्ता बड़ा ही कठिन था और वहां का वातावरण भी लेखक के लिए बिल्कुल नया और अनजाना था। उस क्षेत्र में अक्सर चोर-डाकुओं का भय बना रहता था, इस कारण वहाँ यानि तिब्बत के लोग चोर-डाकू के भय से किसी भी अनजान व्यक्ति या भिखमंगे आदि को घर में पनाह नहीं देते थे, इस कारण लेखक को ठहरने की जगह का प्रबंध करने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उस समय भारतीय लोगों को तिब्बत क्षेत्र की यात्रा करने की अनुमति नहीं थी,स इसलिए लेखक को भिखमंगे का वेश बनाना पड़ा। लेखक को अक्सर तेज धूप में भी चलना पड़ता था। डाँडे जैसी खतरनाक जगहों से भी लेखक को पार करना पडा। ये जगहें बेहद ऊँचाई पर स्थित दुर्गम और निर्जन स्थान थे, जहाँ पर डाकुओं का आंतक आम बात थी, इसलिये डाकुओं से बचने हेतु लेखक को भिखमंगे का वेश बनाना पड़ा।
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‘ल्हासा की ओर’ पाठ से संबंधित कुछ अन्य प्रश्न—▼
५) उत्तर की ओर दिखने वाली पहाड़ की चोटियाँ कैसी थी?
१) बरफ़विहीन
२) हरियाली से भरपूर
O ३) ऊँचे ऊँचेपेड़ों से युक्त
O ४) बहुत कम बरफ़ वाली
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तिब्बत में डाँडे क्या है और उनकी विशेषताएँ लिखिए ल्हासा की ओर पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए
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