History, asked by khushirawat04615, 5 months ago

अपराध की जाँच करने में पुलिस की क्या भूमिका
होती है?​

Answers

Answered by prashantgautam9140
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Answer:

पुलिस के मुख्यत: निम्नलिखित कार्य हैं :

(1) अपराधनिरोध एवं अपराधों का विवेचन।

(2) यातायात नियंत्रण

(3) स्थानीय नागरिकों, समितियों, संगठनों और निरिक्षण क्षेत्र में परिवारों के बारे में ज्ञात रखना और उनसे सौहार्दपूर्ण संबंध रखना तथा असामजिक व्यक्तियों और घटनाओं से संबंधित जानकारियों को ध्यान में रखना।[1]

(4) राजनीतिक सूचनाओं का एकत्रीकरण तथा राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा।

गृहरक्षा विभाग के अन्तर्गत आने वाला विभाग होने से देश की कानून व्यवस्था को संभालने का काम पुलिस के हाथ ही होता है। आपराधिक गतिविधियों को रोकने, अपराधियों को पकड़ने, अपराधियों के द्वारा किये जाने वाले अपराधों की खोजबीन करने, देश की आंतरिक सम्पत्ति की रक्षा करने और जो अपराधी हैं और उनका अपराध साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य जुटाना ही पुलिस का कार्य है। अपराधी घोषित करने के बाद पुलिस संबन्धित व्यक्ति को अदालत को सौंपती है। यह न्यायव्यवस्था की एक महत्वपूर्ण कडी़ के रूप में काम करती है, लेकिन किसी अपराधी को सजा देना पुलिस का काम नहीं होता है,सजा देने के लिये अदालतों को पुलिस द्वारा अपराधी के खिलाफ जुटाये गये पुख्ता सबूत और जानकारी पर निर्भर रहना होता है साथ ही इसी जानकारी और सबूतों के आधार पर ही किसी व्यक्ति को अपराधी घोषित किया जा सकता है।

अलग-अलग देशों की पुलिस के पास अलग प्रकार की कानूनी धारायें है और प्रत्येक धारा अलग अलग दंड घोषित करती है।

अपराधनिरोध के अंतर्गत न केवल व्यक्ति एवं संपत्ति संबंधी अपराधों का निरोध होता है वरन् मादक द्रव्यों का तथा गाँजा, भाँग, अफीम, कोकीन के तस्कर व्यापार का निरोध और वेश्यावृत्ति संबंधी अधिनियम को लागू कराने की कार्यवाहियाँ भी सन्निहित हैं। यातायात संबंधी व्यवस्था स्थापन में ट्रेफिक पुलिस द्वारा नगरों में यातायात का सुनियंत्रण एवं मोटर संबंधी अधिनियमों का परिपालन कराने की कार्रवाई की जाती है। इस संबंध में अमरीका आदि में राष्ट्रीय मार्गों पर मोटर साइकिल अथवा मोटर गाड़ियों पर यंत्रों से सुसज्जित पुलिस अधिकारियों द्वारा गश्त कराए जाते हैं। राजनीतिक सूचनाओं के एकत्रीकरण का कार्य देश के भीतर एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुप्तचरों द्वारा होता है। इसके निमित्त देश के भीतर विभिन्न समुदायों एवं वर्गों की राजनीतिक प्रवृत्तियों, गतिविधि एवं नीतियों से संबंधित सूचनाएँ एकत्र की जाती हैं। प्रत्येक युग में राजनीतिक षड्यंत्र एवं हत्याकांड होते रहे हैं और पिछले कुछ वर्षों में विश्व में इस संबंध में अनेक घटनाएँ होने के कारण अपने देश के एवं बाहर के महत्ववाले व्यक्तियों की सुरक्षा का आयोजन प्रत्येक राष्ट्र की पुलिस द्वारा किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मित्र अथवा शत्रु राष्ट्रों की नीतियों के संबंध में सूचनाएँ भी एकत्र की जाती हैं।

अपराधविवेचन के निमित्त निरंतर वैज्ञानिक विधियों और साधनों का प्रयोग हो रहा है। हत्या और बलात्कार से संबंधित विवेचनाओं में रक्त, केश ओर वीर्य के वैज्ञानिक विश्लेषण से सहायता मिलती हैं। जिन अपराधों में आग्नेय आयुधों का व्यवहार होता है उनको विवेचनाओं के निमित्त आग्नेय आयुध से संबंधित विश्लेषण किया जाता है। अंगुलिचिह्न से अपराधों के विवेचन में एक अत्यंत विश्वसनीय साक्ष्य उपलब्ध होता है। अत: प्रत्येक देश में अंगुलिचिह्नों के पर्याप्त अभिलेख एकत्र किए जाते हैं ताकि कालांतर में घटनास्थल पर उपलब्ध अंगुलि चिह्नों की उनसे तुलना की जा सके एवं अपराधों की शोध का कार्य हो सके। पदचिह्नों, हस्तलिपियों आदि का विश्लेषण भी अपराध विवेचन में सहायक होता है। वैज्ञानिक रीति से उन्नतिशील देशों में "लाइ डिटेक्टर" के द्वारा अपराधी की मनोदशा का ज्ञान करते हुए झूठ सच का अनुमान किया जाता है। अनेक देशों में कुत्तों का उपयोग अपराधी का पता लगाने के लिए होता है।

विद्रोह एवं उपद्रवी तत्वों के दमन के निमित्त अनेक अवसरों पर पुलिस को अश्रुवाहक गैस, लाठी अथवा आग्नेय आयुधों का प्रयोग करना पड़ता है। हमारे देश में प्रादेशिक पुलिस का एक अंग, जिसे आर्म पुलिस, प्राविंशिल आर्म कांस्टेबुलरी, स्पेशल आर्म फोर्स आदि नाम विभिन्न प्रदेशों में दिए गए हैं, विशेष आशंकाजनक स्थितियों में मुख्यत: उपद्रवों के दमन के लिए प्रयुक्त होता है। सामान्य प्रशासन अथवा अपराधों की रोकथाम थानों पर नियुक्त सिविल पुलिस द्वारा की जाती है।

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