अपठित गद्यांश 1 - चरित्र मानव सभ्यता की बुनियादी जरूरत है। चरित्र का नष्ट होना संपूर्ण नाश होने जैसा है।धन,स्वास्थ्य आदि की अपेक्षा चरित्र महत्त्वपूर्ण है। सच्चरित्रता मानव का गुण है। गांधीजी ने ठीक ही कहा है कि चरित्र की शुद्धि ही ज्ञान का ध्येय होना चाहिए। लेकिन आज हमने मानव होने की केंद्रीय शर्त चरित्र को ही खो दिया है। अतः इस सच्चाई से बिल्कुल इनकार नहीं किया जा सकता कि ' चरित्र'निर्माण आज के जीवन के संदर्भ में अनिवार्य है। भारतीय समाज का सबसे बड़ा संकट चारित्रिक पतन है,आजादी के बाद राज्य एवं सरकार के गठन का मौलिक उद्देश्य ही जनतांत्रिक समाज का निर्माण रहा है, जो समानता और सद्भाव के साथ मानव जीवन को आदर एवं अवसर प्रदान करें। इसके लिए संवैधानिक एवं संस्थात्मक उपायों का भगीरथ प्रयास और प्रदर्शन किया गया, किंतु चारित्रिक दुर्बलता के कारण हम विकास के पहले सोपान पर ही खड़े हैं।आज विकास योजना पर अधिकतम खर्च हो रहा है, किंतु विकास अदृश्य है। न्यायपालिका को उन्नत बनाने के सारे प्रयोग किए गये, किंतु परिणाम गिरते चरित्र को ही दर्शाता है। राजनैतिक दलों और उनके नेताओं में चारित्रिक पतन की कहानी आज सामान्य खबर बन चुकी है।नीति नियंता की चरित्र हीनता किसी भी समाज और राष्ट्र के लिए कितनी घातक और दुखद हो सकती ,इसे आज की पीढ़ी से बेहतर कौन जान सकता है
क. गद्यांश के अनुसार मानव होने की केंद्रीय शर्त क्या है? *
मनुष्यता
चरित्र
जीवन सौंदर्य
ज्ञान
ख. स्वतंत्रता-प्राप्तिके बाद राज्य एवं सरकार के गठन का मौलिक उद्देश्य क्या रहा है? *
जनता का कल्याण
व्यापार में बढ़ोतरी
जनतांत्रिक समाज का निर्माण
लोगों केचरित्र का विकास
ग. गद्यांश के अनुसार हम विकास के पहले सोपान पर ही अभी तक क्यों खड़े हैं? *
अपेक्षित विकास नहीं होने के कारण
विकास योजनाओं की असफलता के कारण
संवैधानिक एवं संस्थात्मक उपायों के सीमित प्रयास के कारण
चारित्रिक दुर्बलता के कारण
घ. किसी भी समाज और राष्ट्र के लिए अत्यधिक घातक एवं दुखद क्या हो सकता है
Answers
Answered by
2
Answer:
1st ans. character
Explanation:
2nd ans. point three
Answered by
3
क चरित्र
ख जनतांत्रिक समाज का निर्माण
ग विकास योजनाओं की असफलता के कारण
घ परिणाम गिरते चरित्र को ही दर्शाता है। राजनैतिक दलों और उनके नेताओं में चारित्रिक पतन की कहानी आज सामान्य खबर बन चुकी है।नीति नियंता की चरित्र हीनता किसी भी समाज और राष्ट्र के लिए कितनी घातक और दुखद हो सकती ,इसे आज की पीढ़ी से बेहतर कौन जान सकता है
मुझे पता है कि आपका थोरा मदत हुआ होगा
please follow me
Similar questions