अपठित गद्यांश 1 निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :- भाषा के विकास में शब्द बनने की प्रक्रिया सहज है ।हमें इसी प्रक्रिया को समझना चाहिए | शब्दों, वाक्यों की रचना किस प्रकार होती है | भाषा के स्वरूप का ज्ञान विभिन्न प्रयोगों की विभिन्नता का ज्ञान होना आवश्यक है 1 हिंदी विदो से जो कुछ विरासत में मिला है ,उसे आगे की पीढ़ी को शुद्ध एवं परिमार्जित रूप में सौंपना हमारा काम है ।हमारे इस कार्य का लाभ सब लोगों को मिले , शुद्ध एवं परिमार्जित भाषा के प्रयोग के संस्कार को वे ग्रहण करें, यही हमारा लक्ष्य है। भाषा और संस्कृति एक दूसरे से अभिन्न है ।संस्कृति का ज्ञान तभी संभव है जब अपनी भाषा का उचित ज्ञान हो। समय की माँग है कि संस्कृति एवं भाषा पर पुनः विचार किया जाए ताकि भाषा और संस्कृति अपनी जड़ों से रस लेकर विकसित हो सके।
प्रश्न क भाषा के कार्य एवं मशीनों के कार्य में क्या अंतर है?
प्रश्नख लेखिका किस प्रक्रिया को समझने के लिए प्रेरित कर रही है?
प्रश्न ग लेखिका का क्या लक्ष्य है ?
प्रश्न घ भाषा और संस्कृति में क्या संबंध है ?
प्रश्नड गदयांश का उचित शीर्षक दीजिए।
Answers
Answer:
आवश्यक है 1 हिंदी विदो से जो कुछ विरासत में मिला है ,उसे आगे की पीढ़ी को शुद्ध एवं परिमार्जित रूप में सौंपना हमारा काम है ।हमारे इस कार्य का लाभ सब लोगों को मिले , शुद्ध एवं परिमार्जित भाषा के प्रयोग के संस्कार को वे ग्रहण करें, यही हमारा लक्ष्य है। भाषा और संस्कृति एक दूसरे से अभिन्न है ।संस्कृति का ज्ञान तभी संभव है जब अपनी भाषा का उचित ज्ञान हो। समय की माँग है कि संस्कृति एवं भाषा पर पुनः विचार किया जाए ताकि भाषा और संस्कृति अपनी जड़ों से रस लेकर विकसित हो सके।
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आवश्यक है 1 हिंदी विदो से जो कुछ विरासत में मिला है ,उसे आगे की पीढ़ी को शुद्ध एवं परिमार्जित रूप में सौंपना हमारा काम है ।हमारे इस कार्य का लाभ सब लोगों को मिले , शुद्ध एवं परिमार्जित भाषा के प्रयोग के संस्कार को वे ग्रहण करें, यही हमारा लक्ष्य है। भाषा और संस्कृति एक दूसरे से अभिन्न है ।संस्कृति का ज्ञान तभी संभव है जब अपनी भाषा का उचित ज्ञान हो। समय की माँग है कि संस्कृति एवं भाषा पर पुनः विचार किया जाए ताकि भाषा और संस्कृति अपनी जड़ों से रस लेकर विकसित हो सके।