अपठित गद्यांश
बातचीत करते समय हमें शब्दों के चयन पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि सम्मानजनक शब्द व्यक्ति को उदात्त एवं महान बनाते हैं। बातचीत को सुगम एवं प्रभावशाली बनाने के लिए सदैव प्रचलित भाषा का ही प्रयोग करना चाहिए। अत्यंत साहित्यिक एवं क्लिष्ट भाषा के प्रयोग से कहीं ऐसा न हो कि हमारा व्यक्तित्व चोट खा जाए। बातचीत में केवल विचारों का ही आदानप्रदान नहीं होता, बल्कि व्यक्तित्व का भी आदान-प्रदान होता है। अतः शिक्षक वर्ग को शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए। शिक्षक वास्तव में एक अच्छा अभिनेता होता है, जो अपने व्यक्तित्व, शैली, बोलचाल और हावभाव से विद्यार्थियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है और उन पर अपनी छाप छोड़ता है।
प्र.1 शिक्षक होता है - *
1 point
राजनेता
साहित्यकार
अभिनेता
कवि
प्र.2 बातचीत में किस प्रकार की भाषा का प्रयोग करना चाहिए? *
1 point
अप्रचलित
प्रचलित
क्लिष्ट
रहस्यमयी
प्र.3 शिक्षक वर्ग को बोलना चाहिए? *
1 point
सोच-समझकर
ज्यादा
बिना सोचे-समझे
तुरंत
प्र.4 बातचीत में आदान-प्रदान होता है – *
1 point
केवल विचारों का
केवल भाषा का
केवल व्यक्तित्व का
विचारों एवं व्यक्तित्व का
प्र.5 उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक है -*
1 point
बातचीत की कला
शब्दों का चयन
साहित्यिक भाषा
व्यक्तित्व का प्रभाव
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Answer 1 is अभिनेता
Answer 2 is pracalit
Answer 3 is सोच समझकर
Answer 4 is last option
Answer 5 is option a
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1
1. अभिनेता
2. प्रचलित
3. सोच समझकर
4. विचारों एवं व्यक्तित्व का
5. बातचीत की कला
Explanation:
- बोलते समय हमें शब्दों के चयन पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि सम्मानजनक शब्द व्यक्ति को उदात्त और महान बनाते हैं।
- बातचीत को आसान और प्रभावी बनाने के लिए हमेशा प्रचलित भाषा का प्रयोग करें।
- ऐसा न हो कि बहुत ही साहित्यिक और स्पष्ट भाषा के प्रयोग से हमारे व्यक्तित्व को ठेस पहुंचे।
- बातचीत में न केवल विचारों का आदान-प्रदान होता है, बल्कि व्यक्तित्व का भी आदान-प्रदान होता है।
- शिक्षक वर्ग को शब्दों का चयन सावधानी से करना चाहिए।
- एक शिक्षक वास्तव में एक अच्छा अभिनेता होता है, जो अपने व्यक्तित्व, शैली, भाषण और हावभाव से छात्रों का ध्यान आकर्षित करता है और उन पर अपनी छाप छोड़ता है।
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