अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हर इया. लालच, लोभ आदि मूल्य की दृष्टि से गलत आचरण हैं। इस संदर्भ में धर्म कहता है कि हमें
करना सीखना चाहिए। अगर व्यक्ति लालच न करे तो वह कम वेतन में भी चैन से जीवन बिता
है। लेकिन लालच करनेवाले को कभी चैन नहीं मिल सकता क्योंकि उसे जितना भी मिले, उससे
का लालच बढ़ता जाता है। इस संदर्भ में आपने लालची मछुआरिन की कहानी पढ़ी होगी। मछुआरिन
हले खाना-पीना माँगा, फिर घर माँगा, फिर राज्य माँगा और अंत में सूर्य को भी अपने वश में करना
हा इस कहानी के माध्यम से हम यह कह सकते हैं कि लालच का कोई अंत नहीं। जो लालच या
करते हैं, वे ही दूसरों की चीजें लेने या हड़पने की सोचते हैं।
वाद
unseen passage
ords
पर का
गलत आचरण किसे माना गया है?
लालची व्यक्ति का स्वभाव कैसा होता है?
लालची मछुआरिन की कहानी से आप क्या समझे?
लालची व्यक्ति क्या करना चाहता है?
गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
को
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(क) लालच,लोभ आदि को
(ख) लालची व्यक्ति का कभी जी नहीं भरता एक के बाद अनेक चीजों पर उनका लोभ बरता जाता है। संक्षेप में यह ही लालची व्यक्ति का स्वभाव है।
(ग) लारची मछुआरिन की कहानी से हमें यह पता चलता है कि लालच का कोई अंत नहीं होता।
(घ) लालची व्यक्ति दुसरो के चीज़ लेने या हरपने की सोचते रहते हैं।
(च) लालच बुरी बला है।
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