अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।
वीरता व्यक्ति का आंतरिक गुण है, जो विपरीत हालातों के बीच कम लोगों में ही दिखता है । हम में से कोई स्वयं को कायर नहीं समझता है, इसका मतलब यह नहीं कि हम सभी सच्चे वीर और शौर्यपुरुष हैं । सामान्य हालातों में स्वयं को बहादुर कहने वाले लोग अकसर-ज़रा सी तकलीफ़ में मुरझा जाते हैं या छिप जाते हैं । वीरता के दर्शन भी मित्रता की तरह ही हैं क्योंकि हमेशा सबसे अच्छा मित्र कहने वाला हमारा कितना हितैषी है, यह तभी पता चलता है, जब हम किसी विपदा या कठिनाई में पड़े हों । सच्ची वीरता के दर्शन करने हो, तो भारतीय सैनिक को ही देख लीजिए, गर्मियों में ४५ डिग्री का तापमान हो या शरीर को जमा देने वाली ठंड वो सदैव अपनी ज़िंदगी की फ़िक्र किए बगैर, अपने कर्तव्यों को निभाने में लगा रहता है । आज के दौर में वीरता के साक्ष्य न केवल हमारी सेना के जवान पेश करते हैं बल्कि हमारे पुलिसकर्मी, आम नागरिक भी । वे सभी अपनी क्षमताओं से ऊपर उठकर समाज के लिए योगदान करते हैं । हर नागरिक में वीरता का गुण होना चाहिए ताकि विकट हालातों में वे समाज व देश को संकट से बचाने में मानवीय योगदान दें । सभी में वीरता तभी जागेगी, जब उत्कृष्ट योगदान करने वाले वीरों को यथोचित सम्मान मिले । यही सम्मान लोगों को भी शौर्य दिखाने के लिए प्रेरित करता है, क्योंकि वीरता का गुण उतना जन्मजात नहीं होता जितना उसे वातावरण बनाता है ।
1. सामान्य हालातों में स्वयं को बहादुर कहने वाले लोग अकसर ज़रा-सी तकलीफ़ में क्या करते हैं? (1 mark)
2. आज के दौर में वीरता के साक्ष्य कौन पेश करते हैं? (1 mark)
3. हर नागरिक में वीरता का गुण क्यों होना चाहिए? (1 mark)
4. सभी में वीरता कब जागेगी? उससे क्या होता है? (2 marks)
pls answer as soon as possible
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staying sum to do so I'm do do do do em all
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