अपठित गद्यांश
मानव जीवन का सर्वोत्तम की विकास ही शिक्षा का उद्देश्य है मनुष्य के
व्यक्तित्व में अनेक प्रकार की शक्तियां अन्तनिर्हित रहती है। शिक्षा
इन्हीं शक्तियों का उद्घाटन करती है। मानवीय व्यक्तित्व को पूर्णता
प्रदान करने का कार्य शिक्षा द्वारा ही संपन्न होता है सृष्टि के प्रारंभ में
लेकर आज तक मानव ने जो प्रगति की है उसका सर्वाधिक श्रेय
मनुष्य के ज्ञान चेतना को ही दिया जा सकता है मनुष्य में ज्ञान चेतना
का उदय शिक्षा द्वारा ही होता है। बिना शिक्षा के मनुष्य का जीवन पशु
| तुल्य होता है शिक्षा ही अज्ञान रूपी अंधकार से मुक्ति दिलाकर ज्ञान
| का दिव्य आलोक प्रदान करती है विद्या मनुष्य को अज्ञान के बंधन से
| मुक्त करती है।
अपठित गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिये:-
(अ) शिक्षा का उद्देश्य किसे बताया गया है और क्यों?
(ब) “विद्या मनुष्य को अज्ञान के बंधन से मुक्त करती है।" यह किस
प्रकार का वाक्य है? प्रकार बताते हुए परिभाषा भी लिखे।
(स) 'मानवीय' शब्द में मूल शब्द व प्रत्यय बताइए।
(द) अपठित गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
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1. मानव जीवन का सर्वोत्तम कि विकास ही शिक्षा का उद्देश्य है।
2.
3. मा प्रत्यय है। एवं मूल शब्द मानव है।
4 मानवीय जीवन।
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