अपठित गद्यांश में दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखो।
क्रोध मनुष्य की एक साधारण प्रवृत्ति है और हम सभी में मौजूद रहती है सीमा के बाहर क्रोध एक दुर्गन का रूप ले लेता है क्रोध की अवस्था में मनुष्य का रक्तचाप ही नहीं बढ़ जाता बल्कि व्यक्ति के शरीर और मानसिक विकास को भी को क्रोध प्रभावित कर सकता है अतः क्रोध पर नियंत्रण करना आवश्यक है क्रोध पर विजय पाना बहुत कठिन नहीं है इसके लिए धैर्य एवं अनुशासन की जरूरत होती है कारण और न्याय पूर्ण क्रोध से अनेक नए विचार पैदा होते हैं प्रयास करने से क्रोध को एक रचनात्मक दिशा दी जा सकती है इसके लिए चाहिए कि क्रोध से उत्पन्न ऊर्जा को सार्थक कार्यों में लगाया जाए।
प्रश्नों के उत्तर दो :-
1.क्रोध क्या है?
2. सीमा के बाहर इसका क्या रूप होता है?
3. क्रोध पर नियंत्रण क्यों आवश्यक है?
4.क्रोध पर कैसे नियंत्रण पाया जा सकता है?
5. उपरोक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए?
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Ans 1) क्रोध मनुष्य की एक साधारण प्रवृत्ति है
Ans 2) सीमा के बाहर क्रोध एक दुर्गन का रूप ले लेता है
Ans 3)नसिक विकास को भी को क्रोध प्रभावित कर सकता है अतः क्रोध पर नियंत्रण करना आवश्यक है
Ans 4) इसके लिए धैर्य एवं अनुशासन की जरूरत होती है कारण
Ans 5) क्रोध के नुकसान
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