अपठित गद्यांश प्रश्न 1 गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए - ‘साविद्यायाविमुक्तेय’ – यह प्राचीन सूत्र आज भी उतना ही सही है जितना पहले था, क्योंकि विद्या से क्या तात्पर्य है यह प्रश्न हमेशा उठता रहा है | इस सूक्ति में विद्या का अर्थ केवल आध्यात्मिक ज्ञान नहीं है और न ही मुक्ति से यह मतलब है कि मृत्यु के बाद आध्यात्मिक मोक्ष मिल जाए| ज्ञान में वह सारी शिक्षा शामिल है जो मानव जाति की सेवा के लिए उपयोगी हो और मुक्ति का अर्थ वर्तमान जीवन में भी सब प्रकार की गुलामी से छुटकारा पाना है | गुलामी दो प्रकार की होती है – किसी दूसरे का दास होना और अपनी ही बेकार में बनाई हुई आवश्यकतायों का दास होना |उपरोक्त आदर्श की सिद्धि के लिए प्राप्त किया हुआ ज्ञान ही सच्ची शिक्षा है | प्रश्न 1. उपयुक्त गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए
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प्रश्न 1–उत्तर – विद्या का वास्तविक अर्थ – मानव जाति की सेवा के लिए उपयोगी हो |
प्रश्न 2– उत्तर– मुक्ति का वास्तविक अर्थ– वर्तमान जीवन में भी सब प्रकार की गुलामी से छुटकारा पाना है
प्रश्न 3– उत्तर– गुलामी दो प्रकार की है –( 1. किसी दूसरे का दास होना
2. और अपनी ही बेकार में बनाई गई आवश्यकतायों का दास होना | )
प्रश्न 4– उत्तर– 1 .धर्म + इक = धार्मिक
2. मास + इक = मासिक
3.नीति + इक = नैतिक
4. दिन + इक = दैनिक
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