Hindi, asked by sudarshansharma1243, 8 months ago

अपठित गद्यांश पढकर निम्न प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए।
मैं सावन भादों में भी वहीं गया हूँ और मैंने इस प्रपात के यौवन के वेग को देखा है जो सौ डेट सौ
फीट की अपनी चौड़ी धारा की प्रबल भुजाओं में धरती के चटकीले धानी आंचल में उफनते सावन
को कसने के लिए व्याकुल हो जाता है और मैंने देखा कि जब अंबर में बादलों का आलिंगन करने
वाली सौदामिनी धरती के इस सौभाग्य की ईर्ष्या में तड़प उठती है तब यह प्रपात फूलकर दुगुना
हो जाता है। शरद की चाँदनी में जद रात्रि पुलकित हो गई है और जब इस प्रपात के यौवन का मद
खुमार पर आ गया है और इस खुमारी में इसका सौंदर्य बढ़ गया है और तभी जाकर मैंने शरद
को इस प्रपात की शांत तरल स्फटिक चारा पर पिघलते हुए देखा है। पहली बार जब मैं गया था
तो वहाँ ठहरने का कोई स्थान नहीं था| और इसलिए खड़ी दुपहरी में चट्टानों की ओट में ही छाँह
मिल सकी| यहाँ सौंदर्य का दर्शन मिलता है | स्वयं मृत्यु ऐसे उन्मादी सौंदर्य के आगे हर मान लेती
है।
(1) लेखक ने क्या देखा है?​

Answers

Answered by prashantgautam9140
0

Answer:

मैं सावन भादों में भी वहीं गया हूँ और मैंने इस प्रपात के यौवन के वेग को देखा है जो सौ डेट सौ

फीट की अपनी चौड़ी धारा की प्रबल भुजाओं में धरती के चटकीले धानी आंचल में उफनते सावन

को कसने के लिए व्याकुल हो जाता है और मैंने देखा कि जब अंबर में बादलों का आलिंगन करने

वाली सौदामिनी धरती के इस सौभाग्य की ईर्ष्या में तड़प उठती है तब यह प्रपात फूलकर दुगुना

हो जाता है।

Answered by tipansahu8982
1

Answer:

सौंदर्य का दर्शन

Explanation:

शरद की चाँदनी में जद रात्रि पुलकित हो गई है और जब इस प्रपात के यौवन का मद

खुमार पर आ गया है और इस खुमारी में इसका सौंदर्य बढ़ गया है और तभी जाकर मैंने शरद

को इस प्रपात की शांत तरल स्फटिक चारा पर पिघलते हुए देखा है। पहली बार जब मैं गया था

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