Hindi, asked by abimanyupradhan1, 2 months ago

अपठित गदयाश
नीचे दिए गयाश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
मनुष्य संसार का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। वह स्वयं अपने हाथों द्वारा अपनी सृष्टि की रचना करता है। घर, वस्त्र,
अनाज उद्योग धंधे. विलास सभी स्वय अर्जित कर सकता है। वह बुध के बल पर बड़ी से बड़ी कठिनाइयाँ
में सफलता प्राप्त करता है। मनुष्य स्वावलंबन के मंत्र का भलीभांति जानता व समझता है। स्वावलयन अर्थात
अपने पैरों पर खड़ा होना। स्वावलबी मनुष्य भाग्यवादी नही होने में अपने कर्म पर विश्वास करते हैं। कर्मशील
व्यक्ति का आत्मविश्वास भी दृढ़ होता है। ये आशाओं में भर रहते है और जीवन भर आगे ही आगे बढ़ने को
कोशिश करते रहते है। जबकि आलसी मनुष्य कर्म में अधिक अपने भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं। वे सदैव
अपने कायों से जी चुराते रहते है और इम इतजार में अपना जीवन बिता देते है कि कार्य स्वयं अपने आप
संपन्न हो जाएगा और सफलता उन्हें अपने आर मिल आगीच स्वावन्नवी मनुष्य असभव को संभव
बनाने में मदेव प्रयासरत रहत है।
(क) मनुष्य क्या अर्जित कर सकता है?
(स) स्वावलंबन का क्या अर्थ है?
(ग) स्वावलंबी मनुष्य किस पर विश्वास करता है?
(घ) आलसी मनुष्य क्या करते हैं?
(ङ) गयाश का उपयुक्त शीर्षक बताइए।​

Answers

Answered by parveensimna
2

Answer:

क)

Explanation:

घर,अनाज, उद्योग, धंधे और सभी सभी कार्य जो वह स्वयं कर सकता है तो मनुष्य सभी चीजें अर्जित कर सकता है

ख) स्वावलंबी का अर्थ है अपने पैरों पर स्वयं खड़ा होना

स्वावलंबी मनुष्य अपने कार्य पर विश्वास कर सकता है

आलसी मनुष्य सिर्फ अपने भाग्य पर विश्वास रखता है

इस गद्यांश का शीर्षक मनुष्य के कर्म और मेहनत का है

Answered by maitiaparna010
1

क)

Explanation:

घर,अनाज, उद्योग, धंधे और सभी सभी कार्य जो वह स्वयं कर सकता है तो मनुष्य सभी चीजें अर्जित कर सकता है

ख) स्वावलंबी का अर्थ है अपने पैरों पर स्वयं खड़ा होना

स्वावलंबी मनुष्य अपने कार्य पर विश्वास कर सकता है

आलसी मनुष्य सिर्फ अपने भाग्य पर विश्वास रखता है

इस गद्यांश का शीर्षक मनुष्य के कर्म और मेहनत का है

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