अपदित पद्यांश
(Unseen Poetry)
1पालत पद्याश में भी गद्यांश के समान ही किसी नए पद्याश को पढ़-समझकर उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तर देते
महम पद्माश को दो-तीन बारे ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए तथा उसका भाव समझने की कोशिश करनी
चाहरा पद्याश का भाव समझकर प्रश्नों के उत्तर लिखने चाहिए। प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में लिखने चाहिए।
1.जो तुम आ जाते एक बार
कितनी करुणा कितने संदेश
पथ में बिछ जाते वन पराग
गाता प्राणी का तार-तार?
अनुराग भरा उन्माद राग
आंसू लेते वे पद पखार।
हँस उठते पल में आई नयन
धुल जाता ओठों का विषाद।
उपर्युक्त पदयांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) इस कविता में किस संबोधित किया गया है?
प्रेमी को
पति को 0 साजन को अलौकिक प्रियतम को
(ख) कवयित्री अपनी करुणा को किस प्रकार बिछाना चाहती है?
पराग की तरह फूलों की तरह मिट्टी की तरह घास की तरह -
(ग) उनकी आँखें क्यों हँस उठतीं?
0 पैसे मिलने से
इच्छा पूरी होने से
0प्रेम के कारण
प्रियतम के आने के कारण
बयित्री किनसे पद पखारना चाहती हैं?
-जल से
आँसुओं से प्रेम से इनमें से कोई नहीं
(छ) 'ओठों का विषाद' से क्या अभिप्राय है?
दुख और अकेलेपन से
शोक से
विछोह से
दुख से
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Answers
Answer:
सदा :- अव्यय , क्रियाविशेषण अव्यय , कालवाचक ।
मुस्कान :- भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्म कारक।
अपना :- निजवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग। पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन , कर्ता कारक
चलते चलते :- अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य पुल्लिंग, बहुवचन, सामान्य वर्तमानकाल पद
पद परिचय की परिभाषा :-
जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है। वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को पद कहते है तथा उन शब्दों के व्याकरणिक परिचय को पद-परिचय, पद-व्याख्या या पदान्वय कहते है।
व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य है - वाक्य में उस पद की स्थिति बताना, उसका लिंग, वचन, कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना।
पद पाँच प्रकार के होते हैं : –
1.संज्ञा
2.सर्वनाम
3.विशेषण
4.क्रिया
5.अव्यय।
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