Hindi, asked by srsrs2715, 10 months ago

Apke drishti mai mitra banane samay kya kya baate dekhni chahiye

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Answered by Anonymous
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Hey dear friend Good evening.

Have a nice day.

Hope that u are fine.

Here is ur answer.

Plz mark me as the brainliest.

Explanation:

रिश्तों से हटकर जिम्मेदारी निभाने के लिए यदि कोई संबंध है तो वह है मित्रता। दोस्ती दो तरफा होती है। यदि दोनों में से किसी एक को दोस्ती निभानी पड़ रही है तो ऐसी दोस्ती से मुक्ति पा लेनी चाहिए। पहले मित्रता दो कारणों से होती थी। पहला कारण था दो लोगों का स्वभाव समान होता था और दूसरा कारण था एक-दूसरे के काम आने की स्थिति होती थी। यदि इन दो में से कोई एक कारण भी होता था तो दो लोगों में मित्रता हो जाती थी, लेकिन आधुनिक समय में ऐसा नहीं है। आज मित्रता जरूरत और समय के अनुसार बदलती रहती है। इसलिए जब ऐसा लगने लगे कि व्यस्तता और जिम्मेदारियों के कारण आपको मित्रता बदलनी या समाप्त करनी पड़ सकती है तो बहुत अच्छे ढंग से उस मित्रता को छोड़ देना चाहिए। मित्रता छोड़ते समय ध्यान रखें कि संबंध खराब न हो और मित्रता अपमानित भी न रहे। जीवन में नई जिम्मेदारियां हमें पुरानी मित्रता से दूर कर देती हैं। इस कारण स्थाई मित्रता की संभावनाएं बहुत कम हो गई हैं, क्योंकि हमारी जीवनशैली ही ऐसी हो गई है। आज के समय में सच तो यही है कि कोई व्यक्ति जब हमारे काम आ जाएं, उसी समय वह हमारा मित्र हो जाता है। ऐसे में समय-समय पर नए मित्र बनते रहते हैं। यदि स्थाई मित्रता निभाने का दबाव आ जाएगा तो हम दूसरों के काम नहीं आ सकेंगे। इसलिए जब जिसके साथ रहें, उस समय उसी का साथ निभाना चाहिए। हमें पुरानी मित्रता को भूलना नहीं है, लेकिन पुराने मित्रों पर रुके रहकर नए मित्रों के साथ न्याय नहीं कर सकेंगे। इसीलिए जो मित्रता दबाव बन जाए, उससे मुक्ति पा लेनी चाहिए।

किसी भी व्यक्ति के जीवन को सफल और खुशनुमा बनाने में कुछ ख़ास लोगों का अहम हाथ होता है. इनमें से कुछ लोग आपके परिवार से, तो कुछ लोग बाहर से भी हो सकते हैं. सच्चे मित्र इस लिस्ट में सबसे ऊपर होते हैं. सच्चे मित्र का मिल जाना अपने आप में बेहद भाग्यशाली भेंट है.

लेकिन समस्या यह है कि सच्चे मित्र को कैसे पहचाना जाए? आईये, जानते हैं वह 10 गुण, जिनसे आप जान सकते हैं कि सच्चे मित्रों की क्या विशेषता होती हैं और जिनको जान कर आप सच्चे और स्वार्थी मित्रों में भेद कर सकते हैं.

आपकी पीठ पीछे बुराई नहीं करते

सच्चे दोस्त आपके साथ बेवजह नाटक पन या बनावटीपन नहीं दिखाते. अगर आपका मित्र आपकी व्यक्तिगत या गोपनीय बातें दूसरे लोगों से शेयर करता है, तो सच मानिए वह आपका सच्चा मित्र नहीं है. उसे तुरंत छोड़ देने में ही आपकी भलाई है.

नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करते

आपके सच्चे मित्र आपको कभी नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करते. वह आपसे हमेशा शांति से बात करते हैं, ना कि मतभेद को बढ़ाने का काम करते हैं. वह आपसे हमेशा आपके गुणों के बारे में बात करते हैं, ना कि आपकी कमियों के बारे में. हाँ आपकी कमियों का उल्लेख वे आपको प्रोत्साहित करने के लिए करते हैं, न की आपको नीचा दिखाने के लिए.

अच्छे दोस्त व्यर्थ की बहस में नहीं पड़ते

आपका एक सच्चा दोस्त आपसे कभी भी व्यर्थ की बहस शुरू नहीं करता. आप जैसे हो वैसे ही वह आपको अपना दोस्त मानता है और आपसे प्रतिद्वंदी की तरह व्यवहार नहीं करता. वह आपसे कभी भी ऐसी बहस नहीं शुरू करेगा, जिसमें आप कभी जीत नहीं सकते.

सच्चे मित्र आपको सुनते हैं

आपके सच्चे मित्र आपको अच्छी तरह से सुनते और समझते हैं और आपकी बातचीत के बीच बाधा नहीं डालते. एक सच्ची दोस्ती ऐसी स्थिति में कभी संतुलित नहीं रहती, जिसमें एक बातचीत कर रहा हो और दूसरा उसकी बातचीत में टोका-टोकी कर रहा हो. तो आपको भी अपने मित्र को सुनना चाहिए, क्योंकि आप भी सच्चे मित्र बनना चाहते हैं न!

आपको हतोत्साहित नहीं करते

वे आपको लक्ष्यों में आगे बढ़ने में कभी भी आपको हतोत्साहित (discourage) नहीं करते. एक अच्छा दोस्त हमेशा आपके व्यक्तिगत् विकास में बाधक आपकी कमजोरियों को आपको बताता है. वह ऐसा दया-भावना या घृणा-भावना से नहीं करते, बल्कि वह आपका भला और विकास चाहते हैं. ऐसा करके, वे आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं.

अतीत के बारे में कभी बात नहीं करते

एक अच्छा मित्र आपके अतीत के संबंध में कभी नहीं बात करेगा. यदि आप उनको अपने अतीत की कमजोरियों या गलतियों के बारे में कुछ बता भी देंगे, तो वह आपको उसे भूलने और अतीत से सीखने की सलाह देते हैं, न कि आपकी बातों को दूसरों को बताकर मज़े लेते हैं.

वे आप का साथ नहीं छोड़ते

एक अच्छा दोस्त भावनात्मक रूप से बुद्धिमान होता है. वह आपको इसलिए नहीं ठुकराता, क्योंकि लोग आपको अच्छा नहीं मानते या आपके बारे में आपके मित्रों को गलत राय देते हैं. बुरे समय में जब कोई आपके साथ नहीं होता, तब भी सच्चा मित्र आपका साथ नहीं छोड़ता.

वे आपकी सफलता से नहीं जलते

आपका अच्छा दोस्त आपकी सफलता से कभी भी ईर्ष्या नहीं करते. उनको यह पता होता है कि उनके दोस्तों की सफलता उनके लिए सबसे बड़ी ख़ुशी है. वे जानते हैं कि आपकी सफलता आपकी मेहनत का नतीजा है. वे आपकी सफलता को दिल से मनाते हैं और इसे आपके साथ इंजॉय करते हैं.

वे आपको आंकने की कोशिश नहीं करते

एक सच्चा दोस्त कभी भी आपको जज (judge) नहीं करेगा. यानी वह कभी आंकने की कोशिश नहीं करता कि आप कितने अच्छे, बुरे, परफेक्ट या इम्पेर्फेक्ट हो. वह आपको जैसे आप हो वैसे ही स्वीकार करता है, क्योंकि उसे पता होता है कि वह खुद भी परफेक्ट नहीं है. वह आपको आपकी कमियों के लिए उलाहना नहीं देता और न ही आपकी कमियों के लिए आपको छोड़ता है.

केवल ‘टाइमपास’ दोस्ती नहीं

आपका अच्छा दोस्त आपसे थोड़े समय के लिए या टाइम-पास दोस्ती नहीं करता, बल्कि वह लंबे समय तक आपसे दोस्ती निभाता है. जब कभी आपको कोई बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है, तो वह हमेशा आपकी मदद के लिए तैयार रहते हैं.

Answered by mohitdwivedi1234
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