History, asked by mohit9837, 1 year ago

Apna Apna Bhagya Kahani ka prishthbhumi

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Answered by ajaybrave420
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heyya finds..
अपना-अपना भाग्य" के द्‌वारा लेखक जैनेंद्र कुमार ने सामाजिक असमानता की समस्या को प्रस्तुत किया है। समाज में गरीब और लाचार बालकों का शोषण दिखाना लेखक का उद्‌देश्य है। लेखक ने सामाजिक असमानता के प्रति तथाकथित बुद्‌धिजीवियों की उपेक्षापूर्ण उदासीनता एवं असमर्थता की मनोवृत्ति पर भी तल्ख व्यंग्य किया है। लेखक और उसका मित्र असहाय और बेबस बालक के प्रति अपनी जिज्ञासा तो प्रकट करते हैं लेकिन जब उसकी मदद करने का समय आता है तब वे अपनी हृदयहीनता और अमानवीयता का परिचय देते हैं। वे बालक की सहायता गर्म कपड़े देकर, खाना देकर, पैसे देकर या नौकरी की व्यवस्था करके कर सकते थे पर उन्होंने बालक की इस स्थिति को उसके भाग्य पर छोड़कर अपने कर्त्तव्य का पालन नहीं किया।
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