Hindi, asked by balajiisrocking, 1 year ago

Apna apna bhagya moral written by jainendra kumar

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Answered by mchatterjee
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जैनेंद्र जी ने बहुत ही मार्मिक व्यथा को इस कहानी में व्यक्त किया है।

भाग्य तो सभी का होता है लेकिन सबका भाग्य समान नहीं होता।

सबकी किस्मत अलग होती है।

कहानी में उस बालक को काम की आवश्यकता थी।

वह काम कर के जीवन यापन करना चाहता था।

लेकिन उसके किस्मत में बर्फ के ठंडे में जमकर मौत लिखी थी।

ईश्वर को पता था कि उस पर कफन चढ़ाने वाला भी कोई नहीं होगा।

इसलिए प्रकृति ने उसके शरीर को बर्फ रूपी चादर से ढक दिया था।

यही था उसका भाग्य।

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