Hindi, asked by ajaysahllbgodda, 8 months ago

apna apna bhagya sirasak ka sarthakta

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Answered by suruchiii
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Answer:

प्रस्तुत कहानी अपना अपना भाग्य एक गरीब लड़के के ऊपर केंद्रित है। जो अभाव के कारण उपेक्षित जीवन जीने के लिए मजबूर है सहायता ना मिलने पर वह अपनी जान गवा बैठता है। इस कहानी में लेखक जैनेंद्र जी ने अमीरों के द्वारा गरीबों पर उपेक्षित और निर्दयी व्यवहार को दर्शाया गया है। समाज के अमीर लोगसिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन उपेक्षित वर्गों की सहायता नहीं करते हैं गरीबों के भाग्य को दोषी ठहरा कर तथा उन्हें उनके भाग्य पर छोड़ के वे अपने कर्तव्य को पूरा मान लेते हैं, और सामाजिक जिम्मेदारी से दूर भागते हैं।अमीर वर्ग के मन में गरीब वर्ग के लिए कोई सहानुभूति नहीं है। अतः अपना अपना भाग्य शीष॔क को लेखक ने व्यंग्य के रूप में प्रयोग किया है, जो की कथा के अनुसार उचित एवं सार्थक है ।

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